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Showing posts from January, 2024

04 October 2024

Now 06:31AM  Good Morning Yar...  आज उठने में लेट हो गया बबा आलस्य के वजह से यार 6 बजे उठूंगा करके सोचा था। लेकिन लेट हो गया कल दन्तेवश्वरी मंदिर गए थे यार बहुत भीड़ था तो इधर उधर घूमें अंदर नहीं गए। अब कभी और जाएंगे बबा फिलहाल अभी जा रहा हूँ फ्रेश होने bye.

01 February 2024

 Good Morning Betu Kusu Miss You Too...🥰 यहां पर किसी भी प्रकार की कोशिश नहीं है किसी को बदनाम करने की ये मेरी यादें और बातें हैं। बुरा लग रहा हो कमेंट में लिख देना मिटा दूंगा। वैसे कैसे हो आप सब? Now 05:55AM Now 08:58PM पता नहीं क्यों लेकिन आज उसकी याद अभी आ रही थी क्यों क्योंकि मैं भरोसा कर रहा था शायद वह मेरा बर्थडे विस् करे। लेकिन ऐसा नहीं समय के साथ सब बदल जाते हैं। शायद वह भी बदल गयी होगी। I Miss You Dear...🥺 आज भागवत गीता नहीं पढ़ेंगे यार ओके Good Night.

31 January 2024

 Good Morning I am feeling better than nothing. अउ जी सब ठीक ठाक ने ? का का काम बुता चलत हे...? यार रिप्लाई तो आय नहीं बस लिखत रथन बहुत मन होथे यार देखे के बात करे। अउ कुछ नहीं बस अतकेच ये। ले अब भागवत गीता के ल देख लेथन... 33, 34 होगिस हे 35 में आय हन गीता अध्याय-1 श्लोक-35  प्रसंग-  यहाँ यदि यह पूछा जाय कि आप त्रिलोकी के राज्य के लिये भी उनको मारना क्यों नहीं चाहते, तो इस पर अर्जुन अपने सम्बन्धियों को मारने में लाभ का अभाव और पाप की संभावना बतलाकर अपनी बात को पुष्ट करते हैं-  एतान्न हन्तुमिच्छामि घ्नतोडपि मधुसूदन ।  अपि त्रलो क्यराज्यस्य हेतो: किं नु महीकृते ।।35।।  भावार्थ : हे मधुसूदन ! मुझे मारने पर भी अथवा तीनों लोकों के राज्य के लिये भी मै इन सबको मारना नहीं चाहता, फिर पृथ्वी के लिये तो कहना ही क्या है ? ।।35।। अतकेच पढ़े बर आथस लेकिन गोठियास नहीं अउ ब्लॉक कर दे हस न। तहूँ बड़ निच्चट। चल बाय त मोर फूलमती

30 January 2024

 सुन बड़ सुरता आत हस जी एको दिन तो फोन लगा लेथे। ले मत लगाबे जब मन करहि तब लगाबे। Good Morning Dear... Have a Nice Day. त काली भयंकर नाचत रहें महुँ ह अउ फूल सर मैम लोग भी नच रहे थे- देखबे का रुके र अपलोड करके देखत हों होही त अउ सब बढ़िया हन आपमन कैसे हो पुछे के मन लागथे। ले लागन दे कहीं नई होय मन रिहि बताय के बता देबे। गीता अध्याय-1 श्लोक-33,34  येषामर्थे काङ्क्षितं नो राज्यं भोगा: सुखानि च ।  त इमेऽवस्थिता युद्धे प्राणांस्त्यक्त्वा धनानि च ।।33।।  आचार्या: पितर: पुत्रास्तथैव च पितामहा: ।  मातुला: श्वशुरा: पौत्रा श्याला: सम्बंधिनस्तथा ।।34।।  भावार्थ : हमें जिनके लिये राज्य, भोग और सुखादि अभीष्ट हैं, वे ही ये सब धन और जीवन की आशा को त्याग कर युद्ध में खड़े हैं ।  गुरुजन, ताऊ-चाचे, लड़के और उसी प्रकार दादे, मामे, ससुर, पौत्र, साले तथा और भी सम्बन्धी लोग हैं ।।33-34।। Now 05:32AM कैसे हस जी? बिहिनिया ले उठे बर लागत होही नि जंगल साइड तो ठंड लागत होही? ले कही काम करत होबे त कर ग हमू मॉर्निंग वॉक में जाबो बाय।

29 January 2024

 Good Morning Baby Love you too 😘 Now 05:02AM आज श्लोक 32 का भावार्थ जानेंगे चलिए चलिए शुरू करते हैं गीता अध्याय-1 श्लोक-32  प्रसंग- अब अर्जुन स्वजन वध से मिलने वाले राज्य-भोगादिको न चाहने का कारण दिखलाते हैं-  न काड्.क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखानि च ।  किं नो राज्येन गोविन्द किं भोगैर्जीवितेन वा ।।32।।  भावार्थ : हे श्रीकृष्ण ! मैं न तो विजय चाहता हूँ और न राज्य तथा सुखों को ही। हे गोविन्द ! हमें ऐसे राज्य से क्या प्रयोजन है अथवा ऐसे भोगों से और जीवन से भी क्या लाभ है? ।।32।। अभी बस अतकेच थोड़ा सा काम करना है यार बाय।

28 January 2024

 Good Morning 🌞 Now 05:45AM आज के लिए श्लोक 31 है चलिए देखें : गीता अध्याय-1 श्लोक-31  प्रसंग- अर्जुन ने यह कहा कि स्वजनों को मारने से किसी प्रकार का भी हित होने की सम्भावना नहीं है, अब फिर वे उसी की पुष्टि करते हैं-  निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव ।  न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमाहवे ।।31।।  हे केशव ! मैं लक्षणों को भी विपरीत ही देख रहा हूँ तथा युद्ध में स्वजन-समुदाय को मारकर कल्याण भी नहीं देखता ।।31।। ऐसे ही हमलोग भी सोचते हैं और कई बार गलतियां कर बैठते हैं। कल आगे का श्लोक देखेंगे। जय श्री राधे कृष्णा हरे मुरारी। 🤔

27 January 2024

 कल 26 जनवरी के बधाई दे बर भूल गए रहेव न Happy Republic day dear... Good Morning Have a Nice Day. तो कल तक हमने देखा था भागवत गीता का अध्याय 1 का श्लोक 29 तक का भावार्थ अब हम देखेंगे श्लोक 30 के भावार्थ को समझेंगे अर्जुन के मन में क्या चल रहा है: प्रसंग-  अपनी विषादयुक्त स्थिति का वर्णन करके अब अर्जुन अपने विचारों के अनुसार युद्ध का अनौचित्य सिद्ध करते हैं-  गाण्डीवं स्त्रंसते हस्तात्त्वक्चैव परिदह्राते ।  न च शक्नोम्यवस्थातुं भ्रमतीव च मे मन: ।।30।।  भावार्थ : हाथ से गाण्डीव धनुष गिर रहा है और त्वचा भी बहुत जल रही है तथा मेरा मन भ्रमित-सा हो रहा है, इसलिये मैं खड़ा रहने को भी समर्थ नहीं हूँ ।।30।। अर्जुन का हालत खराब है जैसे मेरा था जब मैंने अपनी वाली के बारे में अपने घर वालों मेरे पिता को बताया उस समय तक। अभी के लिए बस इतना ही अगले श्लोक के साथ फिर मिलता हूँ बाय बाबू।

26 January 2024

 सबसे पहले तो I am so sorry baby... आज जल्दी जल्दी में Good Morning बोलना भूल गया था। आज सुबह हम लोग जल्दी से नहाकर गणतंत्र दिवस मनाने के लिए डाइट चले गए थे वहाँ से आने के बाद थोड़ा सा खाना खाया फिर झांकी वगेरा हो रहा होगा करके 11:30 को घर से निकलकर स्टेडियम की तरफ गए। लेकिन कार्यक्रम खतम हो चुका था यार। फिर उसके बाद घर आ गए घर आने के बाद दोस्त लोगों का फॉर्म भरने के बाद खाना खाए और सो गए। अब घूमने के लिए शंखनी नदी के किनारे आये हैं। Good Evening मोर भकली। शंखनी नदी चल ठीक हे रात के अउ गोठियाहूँ। Now 06:45PM ऐसा नहीं है कि आपको याद करके दर्द नहीं होता, होता है लेकिन क्या करूँ जो होना है वो तो हो रहा है, होना था हो चुका है। मेरे बस में कुछ नही जो कुछ है बस मेरे राधेय के पास है चल फिर भागवत के अध्याय एक के 28 वां श्लोक ल देख लेथन जी श्लोक 28  दृष्ट्वेमं स्वजनं कृष्णं युयुत्सुं समुपस्थितम् ।।28।।  सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति ।  वेपथुश्च शरीरे मे रोमहर्षश्च जायते ।।29।।  भावार्थ : अर्जुन बोले हे कृष्ण ! युद्ध क्षेत्र में डटे हुए युद्ध के अभिलाषी इस स्वजन समुदाय को देखकर मेरे अंग श

25 January 2024

 Good Morning My Love... तो आदत बहुत खराब हो गया है मेरा आज से मस्त हो गया। ओके हम अब फोड़ेंगे। प्रपत्र को नहीं भरा हूँ उसे भरना पड़ेगा ओके और टाइम मैनेज करना पड़ेगा क्योंकि पैसे कमाने हैं मुझे। चलिए आज के भागवत गीता का अध्ययन करें... और भावार्थ समझें। श्लोक नम्बर 27 अध्याय 1 प्रसंग-  बन्धुस्नेह के कारण अर्जुन की कैसी स्थिति हुई, अब ढाई श्लोकों में अर्जुन स्वयं उसका वर्णन करते हैं-  तान्समीक्ष्य स कौन्तेय: सर्वान्बन्धूनवस्थितान् ।।27।।  कृपया परयाविष्टो विषीदन्निदमब्रवीत् ।  भावार्थ : उन उपस्थित सम्पूर्ण बन्धुओं को देखकर वह कुन्ती पुत्र अर्जुन अत्यन्त करुणा से युक्त होकर शोक करते हुए यह बचन बोले ।।27वें का उत्तरार्ध और 28वें का पूर्वार्ध ।। आज का ज्ञान बस इतना है जैसे अर्जुन को दुःख हो रहा है इससे लगता नहीं ये वापस लड़ पायेगा। लेकिन अंत आपको पता है क्या होता है। ओके

24 January 2024

 तो आज हमन दन्तेवाड़ा पहुँचने वाला हन जी अउ स्कूल जाबो फिर पढ़े बर। अभी 4:19AM होत हे Good Morning and Love You Baby...😘 आइए देखें भागवत गीता श्लोक 26 के भावार्थ प्रसंग- इस प्रकार सबको देखने के बाद अर्जुन ने क्या किया ? अब उसे बतलाते है-  तत्रापश्यत्स्थितान्पार्थ: पितृनथ पितामहान | आचार्यन्मातुलान्भ्रातृन् पुत्रान्पौत्रान्सखींस्तथा ।।26।। श्वशुरान्सुहृदश्चैव सेनयोरूभयोरपि । भावार्थ  :  इसके बाद पृथापुत्र अर्जुन ने उस दोनों ही सेनाओं में स्थित ताऊ-चाचों को, दादों परदादो को, गुरुओं को, मामाओं को, भाइयों को, पुत्रों को, पौत्रों को तथा मित्रों को, ससुरों को और सुहृदों को भी देखा ।।26 और 27वें का पूर्वार्ध ।। जय श्री कृष्ण जय श्री राधे...💛

23 January 2024

 Now 06:23PM तो यार ऐसा नहीं कि आज आपको याद नहीं किया जब सुबह उठा तब याद किया मैंने लेकिन मोबाइल मेरी बेटी के पास था तो लिख नहीं पाया ओके तो सुबह Good Morning नहीं बोला। अभी Good Evening शायद आपको मेरी याद आ रही हो मैं शायद लिख रहा हूँ इसका मतलब यही है कि मुझे लगता है आप अब भूल रही हो। उसके लिए माफी मेरे दोस्त। सब ठीक है आप खुश रहो मैं खुश हूं आगे कल से फिर हम भागवत गीता का अध्ययन प्रारम्भ करेंगे। अभी बाय। 🖐️ Now 10:21PM पता नहीं अतका ज्यादा भावुक काबा हो जाथों में ह अउ रोना काबा आथे मोला। हे भगवन मोर माँ के सब दुख ल मोला दे देबे। में खुश रहूँ बस मोर माँ ल दुख मत देबे।

22 January 2024

 Good Morning... From My Village How are you today. कल के पेपर लीक होगे कथे जी फिर होही कस लागत हे। कुछ भी हो सकत हे यार फिलहाल अभी आज हमन भागवत गीता के श्लोक ल देख लेथन। प्रसंग- इस प्रकार सबको देखने के बाद अर्जुन ने क्या किया ?  अब उसे बतलाते है-  तत्रापश्यत्स्थितान्पार्थ: पितृनथ पितामहान | आचार्यन्मातुलान्भ्रातृन् पुत्रान्पौत्रान्सखींस्तथा ।।26।। श्वशुरान्सुहृदश्चैव सेनयोरूभयोरपि ।  भावार्थ : इसके बाद पृथापुत्र अर्जुन ने उस दोनों ही सेनाओं में स्थित ताऊ-चाचों को, दादों परदादो को, गुरुओं को, मामाओं को, भाइयों को, पुत्रों को, पौत्रों को तथा मित्रों को, ससुरों को और सुहृदों को भी देखा ।।26 और 27वें का पूर्वार्ध ।। चल ठीक हे Darling 😘 Love You Baby.

21 January 2024

 Now 12:19PM आज अभी एकदम बहुत बुरा लग रहा है क्योंकि पेपर नहीं बना एक उम्मीद थी नौकरी पाने की वो भी खतम। CTET 2nd Paper एकदम बेकार तरीके से बनाया और पूरा भी नहीं बना पाया लगभग 50 प्रश्न छूट गए। हाय राम मर जाथेव कस लागत हे। रात भर का सफर और अब ऐसा रिजल्ट हे प्रभु कास मोला कुछ हो जाथिस। बहुत ज्यादा रोये के मन लागत हे आँसू भी निकल आइस न।

20 January 2023

 Good Morning चल अब 24 और 25 श्लोक के भावार्थ ल जान लेथों : प्रसंग-  भगवान् श्रीकृष्ण की आज्ञा सुनकर अर्जुन ने क्या किया ? अब उसे बतलाते हैं-  तत्रापश्यत्स्थितान् पार्थ: पितृनथ पितामहान- एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत ।  सेनयोरूभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम् ।।24।।  भीष्मद्रोणप्रमुखत: सर्वेषां च महीक्षिताम् ।  उवाच पार्थ पश्यैतान्समवेतान्कुरुनिति ।।25।। भावार्थ : संजय बोले हे धृतराष्ट्र ! अर्जुन द्वारा इस प्रकार कहे हुए महाराज श्रीकृष्ण चन्द्र ने दोनों सेनाओं के बीच में भीष्म और द्रोणाचार्य के सामने तथा सम्पूर्ण राजाओं के सामने उत्तम रथ को खड़ा करके इस प्रकार कहा कि हे पार्थ ! युद्ध के लिये जुटे हुए इन कौरवों को देख ।।24-25।। Now 12:48 I Miss You Too Dear... दो लफ्जो में ये बयां न हो पाए...

19 January 2024

 तो अभी फिलहाल 5:39AM हो रहे हैं कल रात की बात बताता हूँ भाई लड़का मेरे जैसे रो रहा था (पा...स) उसका नाम तो पूरा लिख नही सकता हूँ। इजाजत नहीं है जैसे कि मेरी वाली का नहीं लिख सकता वैसे ही। तो हुआ क्या है मुझे कुछ नहीं पता लेकिन लड़की यहां से जा रही है और लड़का इसलिए रो रहा था। फूल शैड यार और कल खाना भी नहीं खाया भई इतना प्यार करता है वह अपने वाली से लेकिन मैं उसे कह रहा था भाई वर्तमान में रह काहे वीडियो देख रहा है। यहां वहां की सब फ्यूचर वाला है भाई क्या होगा किसी को नहीं पता लेकिन वह लड़का अभी चला गया है बाहर घूमने के लिए इतना ज्यादा ठंड है यहां दंतेवाड़ा में बहुत भई। लेकिन लड़का समझ नहीं रहा है मैं रात को भी बोल रहा था भाई कोई दूसरे से नहीं लड़ना होता है अपने ही साथ नहीं देते यार फाइनेंशियली फ्री हो जा फिर जैसे चाहेगा वैसे होगा। लेकिन उसके समझ मे नहीं आ रहा है क्या होगा मेरे को नहीं पता उसको कुछ न हो बस भगवान से यहीं प्रार्थना है। अउ अभी आपमन ल Good Morning 💐 आज पढबो भागवत गीता के श्लोक 23 के भावार्थ प्रसंग-  अर्जुन के इस प्रकार कहने पर भगवान् ने क्या किया ? अब दो श्लोकों में संजय उसका वर्

18 January 2024

 बातें न कर मुझसे मोहब्बत की, मैने करके देखा है। लोगों को वादे बस तोड़ने के लिए किए जाते हैं।। Good Morning Baby. आज देर से उठा हूँ क्योंकि क्लास में नींद आती है, इसलिए और CTET का पेपर सच मे होगा या नहीं, नहीं पता क्योंकि 22 को राममंदिर का उद्घाटन है। और 21 को पेपर बोला गया है। चलिए फिर आज भागवत गीता के 22 वें श्लोक का भावार्थ देखते हैं। यावदेतान्निरीक्षेऽहं योद्धुकामानवस्थितान् ।  कैर्मया सह योद्धव्यमस्मिन्रणसमुद्यमे ।।22।। भावार्थ : और जब तक कि मैं युद्ध क्षेत्र में डटे हुए युद्ध के अभिलाषी इन विपक्षी योद्धाओं को भली प्रकार देख लूँ कि इस युद्ध रूप व्यापार में मुझे किन-किन के साथ युद्ध करना योग्य है, तब तक उसे खड़ा रखिये ।।22।। मतलब की जबतक समझ नई आय न तब तक ऐसे रहन दे। देखत र तहाँ समझ आ जाहि 🤣 चल ठीक है फिर राधे राधे जय श्री कृष्ण 🙏

17 January 2024

 तो आज हरे ग 17 जनवरी अउ 21 जनवरी के हाबे हमर CTET के पेपर त पढबो जी। हव अउ मोर बुग्गु बेबी ल GOOD MORNING बहुत सारा प्यार अब भागवत गीता के 20वां श्लोक देख लेथों - अथ व्यवस्थितान्दृष्ट्वा धार्तराष्ट्रान्कपिध्वज:।  प्रवृत्ते शस्त्रसम्पाते धनुरूद्यम्य पाण्डव: ।।20।।  ह्रषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते ।  अर्जुन उवाच सेनयोरूभयोर्मध्ये रथं स्थापय मेऽच्युत ।।21।। भावार्थ : हे राजन् ! इसके बाद कपिध्वज अर्जुन ने मोर्चा बाँधकर डटे हुए धृतराष्ट्र सम्बन्धियों को देखकर, उस शस्त्र चलने की तैयारी के समय धनुष उठाकर श्रीकृष्ण महाराज से यह वचन कहा-हे अच्युत ! मेरे रथ को दोनों सेनाओं के बीच में खड़ा कीजिये ।।20-21।। चल ठीक हे यार ग्राहक मन बर अब बुक प्रिंट करना हे बाय एको कन तो मन लागत होही गोठियाय के गोठिया लेबे न जी। Please please मान जा न हम्म। ले त मन लागहि न त गोठियाबो।

16 January 2024

 Now 01:27AM Good Night Baby...😘 Now 05:57AM तो आज सपने में माँ को देखा यार और अपने आप को रोते हुए देखा बहुत ही भावुक माहौल था सपने में और जस्ट अभी अभी मां से बात हुई है। ओके निनी मुझे याद कर रही है उससे भी बात किया हूँ और बस मेरी वाली मुझे अब भूल गयी शायद उनका न तो स्टेटस दिखता है और न ही वह कॉल वगेरा करती है। पर मैं उससे प्यार करता था इतना पता है और कभी भी कम नहीं होगा भले भगवान ने दूर कर दिया हो। ठीक है तो कही भी र बस खुश र और खूब तरक्की कर अब भगवत गीता के श्लोक पढबो ग श्लोक 19 पाण्डवों की शंख ध्वनि से कौरव वीरों के व्यथित होने का वर्णन करके, अब चार श्लोकों में भगवान् श्रीकृष्ण के प्रति कहे हुए अर्जुन के उत्साहपूर्ण वचनों का वर्णन किया जाता है- स घोषो धार्तराष्ट्राणां हृदयानि व्यदारयत् ।  नभश्च पृथिवीं चैव तुमुलो व्यनुनादयन् ।।19।। भावार्थ : और उस भयानक शब्द ने आकाश और पृथ्वी को भी गुँजाते हुए धृतराष्ट्र के यानी आपके पक्ष वालों के हृदय विदीर्ण कर दिये ।।19।।

15 January 2023

 आज है 15 तारीख दिन है सोमवार जय शंकर भगवान वो नोनी। Good Morning... Have A Nice Day. भगवान् श्रीकृष्ण और अर्जुन के पश्चात् पांडव सेना के अन्यान्य शूरवीरों द्वारा सब ओर शंख बजाये जाने की बात कहकर अब उस शंख ध्वनि का क्या परिणाम हुआ? उसे संजय बतलाते हैं- काश्यश्च परमेष्वास: शिखण्डी च महारथ: ।  धृष्टद्युम्नो विराटश्च सात्यकिश्चापराजित: ।।17।।  द्रुपदो द्रौपदेयाश्चे सर्वश: पृथिवीपते ।  सौभद्रश्च महाबाहु: शख्ङान्दध्मु: पृथक्पृथक् ।।18।।  भावार्थ : श्रेष्ठ धनुष वाले काशिराज और महारथी शिखण्डी एवं धृष्टद्युम्न तथा राजा विराट और अजेय सात्यकि, राजा द्रुपद एवं द्रौपदी के पाँचों पुत्र और बड़ी भुजावाले सुभद्रा पुत्र अभिमन्यु इन सभी ने, राजन्! सब ओर से अलग-अलग शंख बजाये ।।17-18।।

14 January 2024

 राधे राधे बच्चा आई लव यू टू Good Morning have a nice day. तो भागवत गीता का 16वां श्लोक और उसका भावार्थ चलिए देखते हैं : अनन्तविजयं राजा कुन्तीपुत्रो युधिष्ठिरः।  नकुलः सहदेवश्च सुघोषमणिपुष्पकौ।।1.16।। भावार्थ : कुन्तीपुत्र राजा युधिष्ठिर ने अनन्त विजय नामक शंख और नकुल व सहदेव ने क्रमश सुघोष और मणिपुष्पक नामक शंख बजाये। राधे राधे जय श्री कृष्ण 💛💛💛

13 January 2024

 CTET की पढाई नही हो पा रही है करना है ठीक है baby आज के 15 वां श्लोक का भावार्थ कुछ इस प्रकार है : पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनञ्जयः ।  पौण्ड्रं दध्मौ महाशंख भीमकर्मा वृकोदरः ॥ भावार्थ :  श्रीकृष्ण महाराज ने पाञ्चजन्य नामक, अर्जुन ने देवदत्त नामक और भयानक कर्मवाले भीमसेन ने पौण्ड्र नामक महाशंख बजाया॥15॥ चल ठीक हे अब शंख भी बाज गे  Good Morning Dear Have a Nice Day. 😘 Now 02:09PM मेरी वाली अगर मेकप करेगी तो ऐसे दिखेगी और मैं झूठ नहीं बोल रहा वो सच में इतनी ही खूबसूरत है। मैं उसका असली फोटो कभी भी शेयर नहीं करूंगा लेकिन ये वीडियो में दिखाया फोटो बिल्कुल वैसे ही है जैसे मेरी वाली। 😊❤️😊 तो ये राधेय है ओके जी

12 January 2024

 Sorry Yar Please Maf kar de...  I really miss you with your smile. With your talk very good can you know that. This was my big mistake I know it . Please talk to me hmm I am talk to only 5 minutes please call me after 6:00PM please. त अब भागवत गीता के 14 नम्बर का श्लोक में पढ़त हों। ततः श्वेतैर्हयैर्युक्ते महति स्यन्दने स्थितौ ।  माधवः पाण्डवश्चैव दिव्यौ शंखौ प्रदध्मतुः ॥  भावार्थ : इसके अनन्तर सफेद घोड़ों से युक्त उत्तम रथ में बैठे हुए श्रीकृष्ण महाराज और अर्जुन ने भी अलौकिक शंख बजाए॥14॥ ठीक है जी Good Morning Love You And I am really miss you baby. Baby = My Baby

11 January 2024

 तो आज मैं अपनी वाली को याद करते हुए यहाँ जेलवाड़ी की तरफ आया हूँ। सैर करने के लिए ओके तो चलिए शुरू करते हैं आज का 13वां श्लोक : ततः शंखाश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखाः ।  सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत्‌ ॥  भावार्थ :  इसके पश्चात शंख और नगाड़े तथा ढोल, मृदंग और नरसिंघे आदि बाजे एक साथ ही बज उठे। उनका वह शब्द बड़ा भयंकर हुआ॥13॥ जय श्री राधे जय श्री कृष्ण मेरे दोस्त आपका दिन शुभ हो। लव यू ऑल ओके टेक केयर बाय।😊 11:22PM Good Night…

10 January 2024

 Miss You Dear... सुन न SORRY यार अतका भी मत रिसा न जी हई प्लीज मान जा। अब आज हमन पढबो 12वां श्लोक के भावार्थ  ( दोनों सेनाओं की शंख-ध्वनि का कथन )  तस्य सञ्जनयन्हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः ।  सिंहनादं विनद्योच्चैः शंख दध्मो प्रतापवान्‌ ॥  भावार्थ :  कौरवों में वृद्ध बड़े प्रतापी पितामह भीष्म ने उस दुर्योधन के हृदय में हर्ष उत्पन्न करते हुए उच्च स्वर से सिंह की दहाड़ के समान गरजकर शंख बजाया॥12॥ चलो ठीक है फिर जिस दिन नाराजगी दूर होगी बात कर लेना अगर कुछ गलत कर दिया हूँ जाने अनजाने में तो सॉरी न यार प्लीज माफ कर दे। हं

09 January 2024

 मुझे नहीं पता यार आप सब कैसे हो और किस हाल में हो लेकिन आज बहुत बुरा सपना निनी की तबियत बहुत खराब है करके। सबसे पहले भगवान से यहीं प्रार्थना है कि वे सबको सुखी रखें स्वस्थ रखें और लोगों में भक्ति का भाव बढ़े। जय श्री कृष्णा। मैने वाट्सप पर स्टेटस पर जो कुछ लिखा है उसे देखकर भईया क्या बोलेंगे मुझे नहीं पता लेकिन बहुत ही बेकार बातें लिख दीं हैं ऐसा लगता है चलो जो भी हो बातें टारगेट तक पहुंचनी चाहिये। टारगेट हमारे भईया नहीं हैं वो कमीने दोस्त हैं जो मेरे दोस्त की मोहब्बत का मजाक उड़ाते हैं। आइए अब भागवत गीता का श्लोक ग्यारह का भावार्थ देखें : अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः ।  भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि ॥  भावार्थ :   इसलिए सब मोर्चों पर अपनी-अपनी जगह स्थित रहते हुए आप लोग सभी निःसंदेह भीष्म पितामह की ही सब ओर से रक्षा करें॥11॥ अउ अभी बस अतकेच यार अब कभी मैसेज नई करों अउ न ही कभी कहीं विस् करों। काबर की मोर गलती ये Sorry Yarr...

08 January 2024

 Good Morning M.A. मुझे नहीं पता कैसी हो आप, जहाँ भी हो भगवान की कृपा आप पर बनी रहे। खुश रहो और छोटी सी गुड़िया भी मस्त रहे ओके तो बात वात नहीं करनी न, तो मत करो कोई बात नहीं। मुझे पता है मैं ब्लॉक किया जा चुका हूँ आपके मोबाइल से नये साल की शुभकामनाएं भी नहीं भेज सकता यार। चल त अब हमन हर श्लोक 10 में आय रहेंन वोला लिखत हों। अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्‌ ।  पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्‌ ॥  भावार्थ :  भीष्म पितामह द्वारा रक्षित हमारी वह सेना सब प्रकार से अजेय है और भीम द्वारा रक्षित इन लोगों की यह सेना जीतने में सुगम है॥10॥ फिलहाल मैं रक्षीत नहीं हूं मुझे नींद लग रही है और सचिन सर का वीडियो देखी भई लगभग 5 घण्टे देखा। हालत पस्त बबा 🤣 चल bye फिर न Now 10:24AM तो माता कर्मा जयंती की ढेर सारी शुभकामनाएं मेरी जान I miss you too... Love You Forever and ever.

07 January 2024

 नामुमकिन कुछ भी नहीं Good Morning G... आइए देखें भागवत गीता का श्लोक नम्बर 9 को और उसके भावार्थ को समझें : अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः ।  नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः ॥  भावार्थ :  और भी मेरे लिए जीवन की आशा त्याग देने वाले बहुत-से शूरवीर अनेक प्रकार के शस्त्रास्त्रों से सुसज्जित और सब-के-सब युद्ध में चतुर हैं॥9॥ यहां दुर्योधन जो है अपनी सेना का वर्णन कर रहा है। ठीक है अब आगे फिर देखेंगे कल। अभी आज के लिए समय सारणी बनाते हैं ओके अभी बाय...

06 January 2024

 आज लेट से सोए थे तो लेट से उठे हैं और अभी जब लिख रहा हूँ तो सुबह के 7:15 हो रहे हैं। वैसे उठने को तो मैं आज बहुत लेट से उठा हूँ 6:30 को। आज जब फोन की न माँ ने तब उठा हूँ बिटिया से भी बात किया और सब ठीक है माँ के पैरों में थोड़ा दर्द है, मैं चाहता हूँ वो दर्द न रहे। तो आज की प्रार्थना मेरी माँ के लिए। भगवान उन्हें मेरी पुण्य का फल भी उन्हें दे दें ताकि उनका पैर ठीक हो जाये। सच में पाप या पुण्य नहीं पता लेकिन कर्म पता है तो मैं कुछ करना चाहता हूँ अपनी माँ के लिए। जब भी मैं लिखता हूँ मुझे नई पता तब धीरे धीरे समझ आने लगती है ऐसा क्यों..?🙏 चलिए अब भागवत के आठवें श्लोक को देखें और भावार्थ समझें : कल दुर्योधन जो है अपनी सेना के बारे में बता रहे थे वह यही है : भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिञ्जयः ।  अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च ॥  भावार्थ :  आप-द्रोणाचार्य और पितामह भीष्म तथा कर्ण और संग्रामविजयी कृपाचार्य तथा वैसे ही अश्वत्थामा, विकर्ण और सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा॥8॥ अभी तक क्या कुछ समझे जब भी युद्ध होने वाला हो तो सबकी तैयारी ऐसी होनी चाहिए परिचय ऐसा होना चाहिए, जिसमें संसय और

05 January 2024

 नमस्कार बैठ जाइए आपको मौका मिलेगा मेरे साथ जीने का सबसे पहले तो Good Morning Yarr And बहुत साराप्यार तुम जियो हजारो साल ये है आरजू... चलिए तो आज अब हम सातवे श्लोक का भावार्थ देखें जिसमें जो दुर्योधन है वह कह रहा है: अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम ।  नायका मम सैन्यस्य सञ्ज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते ॥ भावार्थ :  हे ब्राह्मणश्रेष्ठ! अपने पक्ष में भी जो प्रधान हैं, उनको आप समझ लीजिए। आपकी जानकारी के लिए मेरी सेना के जो-जो सेनापति हैं, उनको बतलाता हूँ॥7॥ अभी बस इतना ही आज टेस्ट है यार हमारे डीएड में। Now 07:41AM सबसे पहले तो आज हम नहाने से पहले ब्रश करना भूल गए आज टेस्ट है तो 4 बजे से उठे हुए हैं और तैयारी हो गया है ज्ञान पाठ्यचर्या एवं शिक्षण शास्त्र का। Now 11:01PM YE वीडियो देखने से पहले भी मेरी सोच ऐसी थी लेकिन यह वीडियो मेरे पास नहीं थी। लिंक यहाँ है राधे राधे अब तो समझ ही गए होंगे आपका नाम इसीलिये नहीं बताता किसी को कौन थी ये करके बहुतों ने पूछा पर आजतक मैंने नहीं बताया आपका नाम। Thank You Baby 😘💛Love You... Forever

4 January 2024

 आज दिन के सात बजने वाले हैं और आपको मेरे तरफ से Very Good Morning... सुप्रभात चलिए आज चौथा दिन है तो चौथा श्लोक और उसका भावार्थ जानते हैं... श्लोक छोटे छोटे हैं तो एक साथ हम तीन श्लोक के भावार्थ जानते हैं...4,5,6 श्रीमद भागवत गीत श्लोक 4,5,6 अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि ।  युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः ॥ 4 धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्‌ ।  पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङवः ॥ 5 युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्‌ ।  सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः ॥ 6 भावार्थ : इस सेना में बड़े-बड़े धनुषों वाले तथा युद्ध में भीम और अर्जुन के समान शूरवीर सात्यकि और विराट तथा महारथी राजा द्रुपद, धृष्टकेतु और चेकितान तथा बलवान काशिराज, पुरुजित, कुन्तिभोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य, पराक्रमी युधामन्यु तथा बलवान उत्तमौजा, सुभद्रापुत्र अभिमन्यु एवं द्रौपदी के पाँचों पुत्र- ये सभी महारथी हैं॥4-6॥ हम शेयर कर रहें हैं इसका मतलब ये नहीं है कि इसके प्रति हम आपको जागरूक करना चाहते हैं इसका सिर्फ एक मतलब है जिन्हें भी जरूरत हो वह इसे ग्रहण करे सके। श्री कृष्ण ने स्वयं

3 January 2024

 Good Morning Dear तो आज है साल का तीसरा दिन और मुझे उठते उठते 7:18 मिनट हो गए हैं। लेट से सोने की आदत नहीं जा रही मेरे दोस्त इसीलिये लेट हो जाता है। खैर आज का तीसरा श्लोक दुर्योधन उवाच  पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं चमूम्‌ ।  व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता ॥  भावार्थ :  हे आचार्य! आपके बुद्धिमान्‌ शिष्य द्रुपदपुत्र धृष्टद्युम्न द्वारा व्यूहाकार खड़ी की हुई पाण्डुपुत्रों की इस बड़ी भारी सेना को देखिए॥3॥ जय श्री कृष्ण राधे राधे 🙏

02 January 2024

 Now 06:15AM आज सुबह जल्दी उठा हूँ और आज रात 11 बजे तक जगा था। 7 घण्टा पूरा अच्छा तरीका के साथ सोया हूँ अब देखते हैं आगे पढाई करते हैं सात बजे खाना बनाना स्टार्ट करेंगे। फिलहाल अभी Good Morning Now 07:57AM गीता का दूसरा श्लोक संजय उवाच  दृष्टवा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा ।  आचार्यमुपसंगम्य राजा वचनमब्रवीत्‌ ॥  भावार्थ :   संजय बोले- उस समय राजा दुर्योधन ने व्यूहरचनायुक्त पाण्डवों की सेना को देखा और द्रोणाचार्य के पास जाकर यह वचन कहा॥2॥ आगे हर दिन ऐसे ही मिलते रहेंगे। जय श्री राधे जय श्री कृष्णा। 🙏