सबसे पहले तो I am so sorry baby... आज जल्दी जल्दी में Good Morning बोलना भूल गया था।
आज सुबह हम लोग जल्दी से नहाकर गणतंत्र दिवस मनाने के लिए डाइट चले गए थे वहाँ से आने के बाद थोड़ा सा खाना खाया फिर झांकी वगेरा हो रहा होगा करके 11:30 को घर से निकलकर स्टेडियम की तरफ गए।
लेकिन कार्यक्रम खतम हो चुका था यार।
फिर उसके बाद घर आ गए घर आने के बाद दोस्त लोगों का फॉर्म भरने के बाद खाना खाए और सो गए।
अब घूमने के लिए शंखनी नदी के किनारे आये हैं।
Good Evening मोर भकली।
शंखनी नदी |
चल ठीक हे रात के अउ गोठियाहूँ।
Now 06:45PM
ऐसा नहीं है कि आपको याद करके दर्द नहीं होता, होता है लेकिन क्या करूँ जो होना है वो तो हो रहा है, होना था हो चुका है।
मेरे बस में कुछ नही जो कुछ है बस मेरे राधेय के पास है चल फिर भागवत के अध्याय एक के 28 वां श्लोक ल देख लेथन जी
श्लोक 28
दृष्ट्वेमं स्वजनं कृष्णं युयुत्सुं समुपस्थितम् ।।28।।
सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति ।
वेपथुश्च शरीरे मे रोमहर्षश्च जायते ।।29।।
भावार्थ : अर्जुन बोले हे कृष्ण ! युद्ध क्षेत्र में डटे हुए युद्ध के अभिलाषी इस स्वजन समुदाय को देखकर मेरे अंग शिथिल हुए जा रहे हैं और मुख सूखा जा रहा है तथा मेरे शरीर में कम्पन एवं रोमांच हो रहा है ।।28वें का उत्तरार्ध और 29।।
जय श्री राधे जय श्री कृष्ण Good Night Dear...
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