तो आज हरे ग 17 जनवरी अउ 21 जनवरी के हाबे हमर CTET के पेपर त पढबो जी।
हव
अउ मोर बुग्गु बेबी ल GOOD MORNING बहुत सारा प्यार
अब भागवत गीता के 20वां श्लोक देख लेथों -
अथ व्यवस्थितान्दृष्ट्वा धार्तराष्ट्रान्कपिध्वज:।
प्रवृत्ते शस्त्रसम्पाते धनुरूद्यम्य पाण्डव: ।।20।।
ह्रषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते ।
अर्जुन उवाच सेनयोरूभयोर्मध्ये रथं स्थापय मेऽच्युत ।।21।।
भावार्थ : हे राजन् ! इसके बाद कपिध्वज अर्जुन ने मोर्चा बाँधकर डटे हुए धृतराष्ट्र सम्बन्धियों को देखकर, उस शस्त्र चलने की तैयारी के समय धनुष उठाकर श्रीकृष्ण महाराज से यह वचन कहा-हे अच्युत ! मेरे रथ को दोनों सेनाओं के बीच में खड़ा कीजिये ।।20-21।।
चल ठीक हे यार ग्राहक मन बर अब बुक प्रिंट करना हे बाय एको कन तो मन लागत होही गोठियाय के गोठिया लेबे न जी।
Please please मान जा न हम्म।
ले त मन लागहि न त गोठियाबो।
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