आज दिन के सात बजने वाले हैं और आपको मेरे तरफ से Very Good Morning... सुप्रभात चलिए आज चौथा दिन है तो चौथा श्लोक और उसका भावार्थ जानते हैं...
श्लोक छोटे छोटे हैं तो एक साथ हम तीन श्लोक के भावार्थ जानते हैं...4,5,6
श्रीमद भागवत गीत श्लोक 4,5,6
अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि ।
युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः ॥ 4
धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान् ।
पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङवः ॥ 5
युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान् ।
सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः ॥ 6
भावार्थ : इस सेना में बड़े-बड़े धनुषों वाले तथा युद्ध में भीम और अर्जुन के समान शूरवीर सात्यकि और विराट तथा महारथी राजा द्रुपद, धृष्टकेतु और चेकितान तथा बलवान काशिराज, पुरुजित, कुन्तिभोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य, पराक्रमी युधामन्यु तथा बलवान उत्तमौजा, सुभद्रापुत्र अभिमन्यु एवं द्रौपदी के पाँचों पुत्र- ये सभी महारथी हैं॥4-6॥
हम शेयर कर रहें हैं इसका मतलब ये नहीं है कि इसके प्रति हम आपको जागरूक करना चाहते हैं इसका सिर्फ एक मतलब है जिन्हें भी जरूरत हो वह इसे ग्रहण करे सके।
श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है जिन्हें मेरे बारे में नहीं जानना उन्हें बताने की कोई आवश्यकता ही नहीं है।
आइहोप आप समझ रहे हों तो आज अभी बस इतना ही।
Bye🤗
Comments
Post a Comment
Thanks for being part of the Khilawan community. You can read our policy on moderating comments and learn more about our new updates keep subscribe...