Now 04:58AM GOOD MORNING SANGWARI...😎
Miss You Dear...
सुन न SORRY यार अतका भी मत रिसा न जी हई प्लीज मान जा।
अब आज हमन पढबो 12वां श्लोक के भावार्थ
( दोनों सेनाओं की शंख-ध्वनि का कथन )
तस्य सञ्जनयन्हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः ।
सिंहनादं विनद्योच्चैः शंख दध्मो प्रतापवान् ॥
भावार्थ : कौरवों में वृद्ध बड़े प्रतापी पितामह भीष्म ने उस दुर्योधन के हृदय में हर्ष उत्पन्न करते हुए उच्च स्वर से सिंह की दहाड़ के समान गरजकर शंख बजाया॥12॥
चलो ठीक है फिर जिस दिन नाराजगी दूर होगी बात कर लेना अगर कुछ गलत कर दिया हूँ जाने अनजाने में तो सॉरी न यार प्लीज माफ कर दे। हं
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