मुझे नहीं पता यार आप सब कैसे हो और किस हाल में हो लेकिन आज बहुत बुरा सपना निनी की तबियत बहुत खराब है करके।
सबसे पहले भगवान से यहीं प्रार्थना है कि वे सबको सुखी रखें स्वस्थ रखें और लोगों में भक्ति का भाव बढ़े।
जय श्री कृष्णा।
मैने वाट्सप पर स्टेटस पर जो कुछ लिखा है उसे देखकर भईया क्या बोलेंगे मुझे नहीं पता लेकिन बहुत ही बेकार बातें लिख दीं हैं ऐसा लगता है चलो जो भी हो बातें टारगेट तक पहुंचनी चाहिये।
टारगेट हमारे भईया नहीं हैं वो कमीने दोस्त हैं जो मेरे दोस्त की मोहब्बत का मजाक उड़ाते हैं।
आइए अब भागवत गीता का श्लोक ग्यारह का भावार्थ देखें :
अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः ।
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि ॥
भावार्थ : इसलिए सब मोर्चों पर अपनी-अपनी जगह स्थित रहते हुए आप लोग सभी निःसंदेह भीष्म पितामह की ही सब ओर से रक्षा करें॥11॥
अउ अभी बस अतकेच यार अब कभी मैसेज नई करों अउ न ही कभी कहीं विस् करों।
काबर की मोर गलती ये Sorry Yarr...
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