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Showing posts from January, 2021

04 October 2024

Now 06:31AM  Good Morning Yar...  आज उठने में लेट हो गया बबा आलस्य के वजह से यार 6 बजे उठूंगा करके सोचा था। लेकिन लेट हो गया कल दन्तेवश्वरी मंदिर गए थे यार बहुत भीड़ था तो इधर उधर घूमें अंदर नहीं गए। अब कभी और जाएंगे बबा फिलहाल अभी जा रहा हूँ फ्रेश होने bye.

याद है वो दिन

याद है वो दिन जिस दिन मैंने तुमसे रूखे शब्दों में कहा था। जब तुमने कॉल किया था। हाँ क्या है? तब तुमने फोन काट दिया था । और फिर मैंने जब दोबारा फोन किया तो तो तुमने बताया कि मुझे अच्छा नही लगा था। फिर मैने मजाक में कहा था। जिस दिन मुझे तुमसे दूर जाना होगा मैं तुमसे ऐसे ही बात करूँगा। ये मजाक आज सच हो गया मैं जीत गया तुम हार गई। फिर तुमने कहा था मैं कभी तुमसे बात करना बंद नही करूंगी। बार बार कॉल करूंगी। लेकिन तुमसे बात करूंगी। बस भूल गए थे हम की हम तो बस हम हैं। आप तो फिर आप हो। सारी गलती माफ करना मोहतरमा। आप तो मैं के भी मैं वाली बाप हो। सारी गलती माफ हो। Have a good day good morning. 🤚

आवाज

 आई थी पर कुछ न कह सका। मैं तो गिर गया अपनी नजरों में। इस कदर की सब समझ कर भी समझ न सका। Have a Good Night Sweet Dream Dear.. 😎

कौन कहता है मैं तुमसे दूर हूँ

 अगर आप यह सोच रहें हैं, की मैंने आपको भुला दिया है। तो आप बिलकुल गलत सोच रहें हैं। क्योकि बिन आपके मेरे दिन की शुरुआत हो ही नही सकती। इसीलिये तो हर रोज Good Morning wish करता हूँ। जो भी हो कितना भी दूर रहो तुम मुझसे , दूर हो सकती हो मैं नहीं। चाहे मुझे कितना भी दर्द हो कितनी भी तकलीफ हो मैं ये सोच कर खुश हो जाता हूँ कि आपके मेरे जीवन में आने से ही। ये सब खुशियां और जो कुछ भी हो रहा है।  जो भी मैं सिख रहा हूँ.. अच्छा लगता है। Because I have been attached everything or everyone. And this is not possible without you. Thank-you Dear..

याद रखना एक दिन ऐसा फिर आएगा जब मेरे लिए कुछ तो ख्याल आएगा

कभी न कहा न कहूँगा। कभी न सच कहा है और न ही कहूँगा। अपने गम में ही खोया रहा हूँ मैं और रहूँगा। जिंदा रहने की वजह तो पहले भी थी पर जिया नही था। आज भी है क्योकि मैं खुद से ज्यादा किसी से प्यार नही करता। आज फिर कहता हूँ अगर तुम न मिले होते तो मैं ऐसे न रहता। हाँ मैं फिर कहता हूँ याद रखना एक दिन ऐसा फिर आएगा जब मेरे लिए कुछ तो ख्याल आएगा। Have a Nice Day Dear Good Morning..

कुछ कहूँ भी तो क्या कहूँ : kuchh kahu bhi to kya kahu

 कुछ कहूँ भी तो क्या कहूँ उससे, अब तो कुछ कहने लायक भी नहीं हूँ मैं। इतनी नफरत सी हो गई है खुद से, करूँ तो क्या करूँ न मैं। पास रहना भी चाहता हूँ, और दूर रहना भी चाहता हूँ मैं। खुद से नफरत और प्यार करना, मैंने न कभी सिखा था। पर उसके जाने के बाद, पता चला मैने खुद से ये सिखा है। पता चला खुद से ही सिखा है, इसलिए आज भी वो पल खाली सा है। माली था मैं, माली वाला कल आज भी है। बस फूल मुरझा गए मुझसे, मैंने जो बनना था बन न सका बना तो बस एक घमण्ड से भरा इंसान? एक इंसान के गुस्से को भी न सह सका। उसके घुस्से की वजह को भी न जान सका। बस न जी सका न मर सका।

कल था आज नहीं : Kal tha aaj nahi poem by khilawan

वो कल था आज नही कविता मेरी भावनाओं और मेरी सोच से जुड़ी हुई कुछ यादें हैं। यह किसी के लिए नहीं है यह सिर्फ मेरे लिए है। इसे अन्यथा न लें, आइए.. कल था आज नहीं : KAL THA AAJ NAHI वो कल था आज नहीं, वो बिता हुआ पल था, ख्वाब नहीं। जो टूटा इस कदर है, जिसका कोई जवाब नहीं, ख्वाब थी या हकीकत, कोई बात नहीं। असल में तो कोई जवाब नहीं, वो कल था आज नहीं। सपने जैसे थे वैसे ही रह गए, बस हम टूट गए, आँसू जो था ढह गए। जो कुछ कहना था, हम कह गए, रो कर भी हम चुप सा रह गए। जो कुछ कहना था हम सब कह गए, फिर भी ख्वाहिशे अधूरे से रह गए। आँसू थे आँसू बनकर ढह गए, जो था मन में सब कुछ कह गये। चुप हूँ अब कुछ नही कहना मुझे, बस इतना सा कहना है, उससे। प्यार सिर्फ आपने ही नहीं किया है, हमने भी किया है, इसलिये। चुप सा हम रह गए, जो कुछ कहना था, वो सब हम कह गए। जैसा आपका प्यार है वैसे ही मेरा है, फर्क सिर्फ इतना है आप कहते हो। वो मेरा है वो तेरा है, पर मेरा तेरा कुछ नही अपने हैं सब। जैसे आप उसके लिए कुछ भी कहते हैं, वो सब हम भी आपके लिए कहते हैं। जैसा आपका प्यार है वैसे मेरा भी है, बातें न होने से कभी खत्म नही होंगी। दूर होने

कभी बातें वो तेरी मुझको रुलाये : Kabhi Baten Wo Teri Mujhko Rulaye Song Khilawan

कभी नींदों में आये कभी मुझको जगाये। कभी बातें वो तेरी  मुझको हँसाये। कभी बातें वो तेरी मुझको रुलाये। मैं वो पागल नही जो तेरी बातों में बिखर जाऊँ। तेरे कहने पर मैं तो  बिखर कर सम्हल जाऊं। सारा जमाना कह दे ये फिर भी मैं वादा निभाऊं। गाना अधूरा है पूरा होगा किसी दिन... पूरी तरह से कल्पना पर आधारित यह गाना और लेख यह मेरी निजी अनुभूति है, स्मृति है। कभी कभी क्या होता है समझ नही आता और क्यों होता है, ये भी समझ में नही आता है। भले ही हमें लगता है कि समझ में आ रहा है लेकिन कुछ भी समझ नही आ रहा होता है जब समझ में आता है तब बड़ी देर हो जाती है।