Now 06:31AM Good Morning Yar... आज उठने में लेट हो गया बबा आलस्य के वजह से यार 6 बजे उठूंगा करके सोचा था। लेकिन लेट हो गया कल दन्तेवश्वरी मंदिर गए थे यार बहुत भीड़ था तो इधर उधर घूमें अंदर नहीं गए। अब कभी और जाएंगे बबा फिलहाल अभी जा रहा हूँ फ्रेश होने bye.
कुछ कहूँ भी तो क्या कहूँ उससे,
अब तो कुछ कहने लायक भी नहीं हूँ मैं।
इतनी नफरत सी हो गई है खुद से,
करूँ तो क्या करूँ न मैं।
पास रहना भी चाहता हूँ,
और दूर रहना भी चाहता हूँ मैं।
खुद से नफरत और प्यार करना,
मैंने न कभी सिखा था।
पर उसके जाने के बाद,
पता चला मैने खुद से ये सिखा है।
पता चला खुद से ही सिखा है,
इसलिए आज भी वो पल खाली सा है।
माली था मैं,
माली वाला कल आज भी है।
बस फूल मुरझा गए मुझसे,
मैंने जो बनना था बन न सका बना तो बस एक घमण्ड से भरा इंसान?
एक इंसान के गुस्से को भी न सह सका।
उसके घुस्से की वजह को भी न जान सका।
बस न जी सका न मर सका।
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