Now 06:31AM Good Morning Yar... आज उठने में लेट हो गया बबा आलस्य के वजह से यार 6 बजे उठूंगा करके सोचा था। लेकिन लेट हो गया कल दन्तेवश्वरी मंदिर गए थे यार बहुत भीड़ था तो इधर उधर घूमें अंदर नहीं गए। अब कभी और जाएंगे बबा फिलहाल अभी जा रहा हूँ फ्रेश होने bye.
कभी नींदों में आये
कभी मुझको जगाये।
कभी बातें वो तेरी
मुझको हँसाये।
कभी बातें वो तेरी
मुझको रुलाये।
मैं वो पागल नही जो
तेरी बातों में बिखर जाऊँ।
तेरे कहने पर मैं तो
बिखर कर सम्हल जाऊं।
सारा जमाना कह दे ये
फिर भी मैं वादा निभाऊं।
गाना अधूरा है पूरा होगा किसी दिन...
पूरी तरह से कल्पना पर आधारित यह गाना और लेख यह मेरी निजी अनुभूति है, स्मृति है।
कभी कभी क्या होता है समझ नही आता और क्यों होता है, ये भी समझ में नही आता है। भले ही हमें लगता है कि समझ में आ रहा है लेकिन कुछ भी समझ नही आ रहा होता है जब समझ में आता है तब बड़ी देर हो जाती है।
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