Now 01:52AM कहते हैं जो होता है अच्छे के लिए होता है। इसलिए जो भी हुआ या जो कुछ हो रहा है उसके लिए दुखी होने की कोई जरूरत नहीं। हमसे हमारे बारे में हमारे भगवान बेहतर जानते हैं। कभी कभी लगता है ये जींवन मिलने का उद्देश्य ही क्या है। हर बार जरूरी नहीं है आपकी गलती माफ हो शायद मैंने अब माफ की हदें पार कर दी है। तो ठीक है यार हो गया सो हो गया अब आज से अभी से अकेले नई शुरुआत करते हैं। अब सो जा यार bye...👍
My first Haaiku Poem क्या कहूँ? -- By Khilawan patel लफ्ज नही हैं क्या कहूँ मैं तुमसे हुआ हूँ तेरा। तुझसे जुड़ा तब से घुला हुआ तुझमें पाया। आज जीने में क्या मजा है समझ न आया फिर। समझ न पाया खुदमें हूँ पागल अब तो आ जा। सुबह हुई साम तो होगी फिर बात तो होगी। सुबह जब उठा पाया तुझको सब सपने। ख्यालों में तुम ख्वाबों में तुम ही हो। बस लफ्ज हैं। सपने तेरे बस अपने नही अधूरे ही हैं। वादियो का न कोई दोष घनेरा सुबह तेरा। साम भी तेरा सुबह का मुस्कान भी तेरा ही है। मांग ले जो भी हाजिर जवाबी में ये जान भी है। बस ये मत कहना कभी तुम्हें हमसे हुआ। नही गलत तो बस हम ही हैं न कसूर है। आपकी हर गलतियों पर न करने वाले। सभी गलती माफ करने वाले बस हम हैं। गलती मेरी न तुम्हारी थी बस कसूर मेरा। क्या लफ्ज तेरा घायल जमीर है बस वक्त है। यू ही निकल जाएंगी सिर्फ यादें रह जाएंगी। रुलाया है न मुझे तुमने उस पल पल की। बारी आपकी भी थोड़ी सी तो अब आ ही आएगी। है भरोसा ...