Now 01:52AM कहते हैं जो होता है अच्छे के लिए होता है। इसलिए जो भी हुआ या जो कुछ हो रहा है उसके लिए दुखी होने की कोई जरूरत नहीं। हमसे हमारे बारे में हमारे भगवान बेहतर जानते हैं। कभी कभी लगता है ये जींवन मिलने का उद्देश्य ही क्या है। हर बार जरूरी नहीं है आपकी गलती माफ हो शायद मैंने अब माफ की हदें पार कर दी है। तो ठीक है यार हो गया सो हो गया अब आज से अभी से अकेले नई शुरुआत करते हैं। अब सो जा यार bye...👍
आज जब वाट्सप में स्टेटस डाल रहा था तो मन में एक वर्ड आया अस्तित्व और इसे लेकर जो विचार मेरे मन में आये उसे कविता के रूप में लिखा है.. अच्छा लगे तो कमेंट करके बताएं....... Astitva Poem by Khilawan Astitva (Existence) Finding a person अस्तित्व मेरा हो या तेरा एक दिन मिट ही जाना है। क्या खोया है, जो तुमने उसे पाना है। खाली हाँथ आये थे, खाली हाँथ जाना है। इस मंजर को भी गुजर जाना है। जो तकदीर बदलने की सोचता है, हर इंसान। क्या पता उसे एक पल के बाद दूजे पल में मर ही जाना है। मुसीबतों से घिरा इंसान यही कहता है। मुझे एक दिन इन मुशीबतों से पार हो जाना है। सच में क्या मुशिबतें होती हैं या ये सिर्फ एक बहाना है। मुझे नहीं पता ऐ मेरे दोस्त। पर मुश्किलें न हो तो मजा का क्या जमाना है। मुश्किलों से ही तो बना पैमाना है। जिसमें एक पलड़ा ऐसा है जिसके पास खजाना है। दूजा पलड़ा ऐसा है, जिसका न कोई ठिकाना है। पर उसे नही पता एक दिन फिर से, उसे इस मिट्टी में मिल जाना है। गुमान किस बात का करता है रे इंसान। एक दिन ...