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Showing posts from June, 2020

04 October 2024

Now 06:31AM  Good Morning Yar...  आज उठने में लेट हो गया बबा आलस्य के वजह से यार 6 बजे उठूंगा करके सोचा था। लेकिन लेट हो गया कल दन्तेवश्वरी मंदिर गए थे यार बहुत भीड़ था तो इधर उधर घूमें अंदर नहीं गए। अब कभी और जाएंगे बबा फिलहाल अभी जा रहा हूँ फ्रेश होने bye.

अस्तित्व कविता Astitva Poem by Khilawan

आज जब वाट्सप में स्टेटस डाल रहा था तो मन में एक वर्ड आया अस्तित्व और इसे लेकर जो विचार मेरे मन में आये उसे कविता के रूप में लिखा है.. अच्छा लगे तो कमेंट करके बताएं....... Astitva Poem by Khilawan Astitva (Existence) Finding a person अस्तित्व मेरा हो या तेरा एक दिन मिट ही जाना है। क्या खोया है, जो तुमने उसे पाना है। खाली हाँथ आये थे, खाली हाँथ जाना है। इस मंजर को भी गुजर जाना है। जो तकदीर बदलने की सोचता है, हर इंसान। क्या पता उसे एक पल के बाद दूजे पल में मर ही जाना है। मुसीबतों से घिरा इंसान यही कहता है। मुझे एक दिन इन मुशीबतों से पार हो जाना है। सच में क्या मुशिबतें होती हैं या  ये सिर्फ एक बहाना है। मुझे नहीं पता ऐ मेरे दोस्त। पर मुश्किलें न हो तो मजा का क्या जमाना है। मुश्किलों से ही तो बना पैमाना है। जिसमें एक पलड़ा ऐसा है जिसके पास खजाना है। दूजा पलड़ा ऐसा है, जिसका न कोई ठिकाना है। पर उसे नही पता एक दिन फिर से, उसे इस मिट्टी में मिल जाना है। गुमान किस बात का करता है रे इंसान। एक दिन तो जाना ह

ESA KYO HOTA HAI? POEM ऐसा क्यों होता है? BY KHILAWAN PATEL

ESA KYO HOTA HAI? POEM (ऐसा क्यों होता है? कविता) BY KHILAWAN Khilawan पता नहीं ऐसा क्यों होता है? बार बार दिल कहता है! ऐसा क्यों होता है? मन में ख्याल बड़े अजीब हैं! जीने का न तरतीब है! तूं भी शामिल है इस भीड़ भरे मेले में। दिल खुद ही नहीं रह पाता अकेले में। खुद को अकेले में। इस भीड़ भरे मेले में, ऐसा क्यों होता है अकेले में। शायद मेरे दिल में कोई बात है? पहले तो चाहत थी  उसके लिए पर अब नहीं कोई खास है। यार मन ठण्ड और उदास है। क्या कोई बात है? या मन यूँ ही उदास है? बस एक आस है और एक ही विश्वास है। दुनिया जो नहीं चाहती मैं वो कर बैठा हूँ। इश्क का बुखार चढ़ा कहाँ ? पता नही उतरेगा की नहीं? पता नहीं.. यार ऐसा क्यों होता है? मन क्यों रोता है? दिल ही दिल अपने दुख का बोझ और दर्द इतना होता है। कभी मर जाने को मन होता है। दिल यूँ ही रोता है। न जाने ऐसा क्यों होता है? झूट बोले उसे मैने छोड़ दे करके। पर लगता है मैं ही न उसे छोड़ पाऊंगा। यार ऐसा क्यों होता है? दिल, दिमाग, मन में ये सवाल रो

ओ दिल तोड़ के न जा O Dil Tod Ke Na Jaa New Song Lyrics By Khilawan

Hello friends कैसे हो आप, उम्मीद करता हूँ अच्छे ही होंगे। मेरे मन में कुछ बातें चलती रहती हैं जिन्हें मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से शेयर करता रहता हूँ। इस बार कुछ रोमैंटिज्म टाइप से कुछ लिखने का ख्याल आया तो गीत लिखा है। जिसका नाम मैने रखा है- ओ दिल तोड़ के न जा ये गीत एक लड़का के द्वारा लड़की के नाराज हो जाने पर अपने आप मन में आये थॉट को लिख रहा है। क्या लिख रहा है आपके सामने ... Khilawan patel O Dil Tod Ke Na Jaa New Song Lyrics By Khilawan इस गीत का सम्बंध किसी भी प्रकार के जीवित या मृत व्यक्ति से नहीं है यह मेरे मन में आये कल्पना मात्र है, जिसे मैंने गीत के रूप में लिखने की कोशिश की है। ओ दिल तोड़ के न जा मुँह मोड़ के न जा ऐसी रुसवाई न कर मेरी जाँ ये कैसी है सजा.. ये कैसी है बला ऐसा कोई रूठ के भी जाता है भला ऐसा कोई रूठ के भी जाता है भला.. ओ दिल तोड़ के न जा  मुँह मोड़ के न जा  हां कैसी है सजा ये कैसी है सजा हाँ कैसी है अदा.. ये कैसी है अदा.. आती हैं यादें और मेरी जाँ तेरी मेरी बातें कैसे करूँ मैं बयां अब रुठ न जाये मैं रखूँ तेरा धिया