ये यार इट्स वेरी बैड मॉर्निंग काबर की आज एक बकरे की जान जाने वाली है।
आज 10 साल के बाद में मोला दुख लागत हे अतका दिन ले कुछ पता नई रहीस।
अउ मोर बस चले त बकरे की बलि देना ही बंद कर दों।
ये बहोत गलत है यार किसी को अपने जीवन में शामिल करने के लिए बेजुबान की जान लेना।
सबसे बेकार मोला का लागथे पता हे
हमर समाज के लोगन मन बस हमर पुरखा इसने करत आत रहीस हे तेकर सेती हमन इसने करत हन।
अउ ये जगा उहि बात चरितार्थ होथे जैसे कौआ ह कान ल लेगे ऐसे कोई क दिस तहां आदमी मन कौआ के पीछे दउड़त हे।
भई कान ल तो छू के देख ले ग हाबे की निये।
बस करो रे पढ़े लिखे गवार मन तुंहर साथ में महुँ गवार बन जाहूं एक दिन।
कास में ये नियम बदल सकथेव,,,😔
फूल पानी गिरा दे भगवान सब चोरो बोरो हो जाथिस मोला घुस्सा आत हे अपन आप बर।
चल ठीक हे प्रभु बाय खुश रहा कर अच्छी लगती है।
और बेटू का करत हे जी?????
Be With You Every time 🖐️
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