कल यश भईया के पापा जी का निधन हो गया तो पूरा दिन वहाँ स्पेंड हुआ।
भईया कल लास्ट लास्ट में मुखाग्नि के जस्ट थोड़े देर पहले पहुंच पाए।
ओडिसा में उनकी पोस्टिंग है। वो एक शिक्षक हैं। वो मेरे प्रेरक रहे हैं मेंटर रहे हैं जिन्होंने मुझे गाइड किया था।
बड़े बबा भी बहुत अच्छे थे थोड़े कड़क स्वभाव के थे जिसके कारण मुझे डर लगता था उनसे बात करने में।
दिल के बहुत अच्छे थे, भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे माँ गायत्री भी उन्हें अपनी आँचल में जगा दे वे माता गायत्री के भक्त थे।
हमारे गाँव के एक ऐसे व्यक्ति थे जो गायत्री माता की सेवा में लगे रहते थे।
किडनी की बीमारी थी उन्हें डायलिसिस कराया जा रहा था हर एक दिन के बाद रायपुर लेकर जाया जाता था।
कल भी लेकर जाना था लेकिन 9 बजे के आसपास उनकी असमय मृत्यु हो गयी अचानक कुर्सी से गिरे और इस दुनिया से मुख मोड़ लिया।
ओम शांति 💐💐💐
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