आज जब उठा तो यार अजीब लगा मुझे माँ पापा को लेकर जो बात रामायण में कहि गई है। गीता में धर्म की बात जो कहि गई है। क्या वो सही है?
या जैसे मैं सोचता हूँ वो सही है।
मैं सोचता हूँ कुछ भी सही या गलत नही है ये बस हमारा मानना है। हम बस मानते आ रहे हैं। मेरे साथ में गलत क्यों हुआ? अगर मैं ऐसा कहूँ तो एक प्रकार से मैं ये मान रहा हूँ कि मेरे साथ में गलत हुआ और अपने आप से या दूसरों से पूछ रहा हूँ कि मेरे साथ गलत क्यों हुआ?
जबकि सच्चाई ये है कि जो हुआ है वो बस हुआ है सही या गलत की मान्यता उसे मैने दी है।
आज सुबह ही दूसरी थॉट मेरे दोस्ती को लेकर थी मैं कृष्ण की और श्रीदामा की दोस्ती और कृष्ण ने जो मित्र को लेकर बात कही है उसके बारे में सोच रहा था।
कृष्ण ने दोस्ती को लेकर कहा है कि जो आपके सच्चे मित्र होंगे वो आपको किसी भी हाल में छोड़कर नही जा सकते। चाहे आप उसे गलत ही क्यों न समझे वो आपको छोड़ ही नही सकता।
और उन्होंने मित्रता को सबसे बड़े रिस्ते के रूप के में स्वीकार किया है। जो कि पति पत्नी से बढ़कर है। ये माना है और उन्होंने कहा है कि अगर मित्र बनाना आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है तो आप सबसे भाग्यशाली इंसान हैं।
मतलब की ये आपके जितने कम मित्र होंगे उन मित्रों से आपकी घनिष्ठता उतनी ही अधिक होगी। ज्यादा मित्र होंगे ज्यादा जिम्मेदारी होगी तो निभाना मुश्किल होगा।
मैं क्या सोचता हूँ मित्रता को लेकर तो यार मेरे बहुत कम दोस्त हैं और मेरे लिए कोई भी दोस्त न तो बुरा है और न ही अच्छा है। और न ही किसी के साथ ज्यादा घनिष्ठता है और न ही ज्यादा किसी से प्रेम है।
सब मेरे लिए एक समान हैं जितना प्यार मैं अपने एक दोस्त से करता हूँ उतना ही प्यार मैं अपने सभी दोस्तों से करता हूँ।
तो ये दिखता क्यों नहीं?
कोई भी रिस्ते हों बिना एक दूसरे के सहयोग से आगे नही बड़ सकते हैं। आपको लगता है कि मैं आपसे ही प्रेम करता हूँ तो आप भी मुझसे ही करते हैं। ये बस हमारी सोच है और कुछ भी नहीं सोचो अगर थॉट ही नहीं रहेंगे तो क्या प्यार क्या रिस्ते।
जो मित्र मुझसे जितना प्रेम करता है उसमें उतना ही प्रेम मुझे है। अब ऐसा नही है कि कोई मुझसे बहुत ज्यादा प्रेम करे तो उसके लिए मैं अपने दूसरे दोस्त का प्यार उसे दे दूँ।
दूसरे के लिए भी उतना ही प्यार अब भी है और हमेशा रहेगा क्योंकि सब मेरे लिए एक समान हैं।
हाँ जी तो सुप्रभात अभी 06:37 मिनट हो गए हैं।
आपका दिन शुभ हो।
Comments
Post a Comment
Thanks for being part of the Khilawan community. You can read our policy on moderating comments and learn more about our new updates keep subscribe...