स्वागत है यार आपका एक और नए कविता के साथ बहुत दिनों के बाद कविता लिखने के मन किया। तो सोचा लिखने के बहाने कुछ यादें अपनी आपके साथ शेयर करूँ। तो कविता का आनंद लीजिये।
मैं जब ये कविता लिख रहा था तब सोचा नहीं था बाद में मुझे खुद पढ़के हसी आएगी। लेकिन अब सोच रहा हूँ इसका वीडियो भी बनाऊँ तो देखते कल (05-06-2021) शायद देखने को मिले।
जितना भुलाना चाहो और याद आती हैं बातें।
सुबह को साम को हुई वो बातें।
जो भूल नही पाते हैं हाय वो बातें।
अक्सर याद आती हैं वो बातें।
बस अब याद हैं बातें।
अब कर भी तो नहीं सकते बातें।
बदल जो गए हैं हम।
मतलब से हो गए हैं मतलबी।
हाँ अब तो सच में भूल गए हैं हम।
सुना था जो होता है अच्छे के लिए होता है।
शायद उस कहने वाले ने ये नही देखा होगा।
बातें रह गई हैं अधूरी अब न होंगी कभी ये पूरी।
हाँ लेकिन कहने से भी अब क्या फर्क पड़ता है।
कौन सा किसी का दिल दुखता है।
कौन सा कोई रोता है।
जो बातें याद करके रोता है।
अक्सर वहीं इंसान अंदर से भी टूट चुका होता है।
So Have a Good Day Buddy
Take care and
Good Morning...
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