मेरे हिसाब से खुश रहना बहुत जरूरी है यार लाइफ में कल घर में बात हो रही थी एक माँ और एक बेटी के बारे में राइट तो बात कुछ ऐसा था।
एक माँ थी जिसने उस छोटी सी बच्ची को छोड़ दिया था जब वह लगभग तीन साल की थी। ठीक
अब माँ ने किसी और से शादी कर ली थी।
जब माँ मरने वाली थी तब उसकी बच्ची को खबर मिली कि उसकी मां की तबियत बहुत खराब है।
फिर भी वो बच्ची उसे देखने नही आती है, क्योकि उसे घुस्सा था कि मेरी माँ ने तो मुझे 3 साल की उम्र में ही छोड़ दिया था तो मैं भला क्यों जाऊ उसे देखने।
मेरे घर वाले मेरी माँ सब बोल रहे थे ठीक किया नही गई तो, लेकिन वहीं पर मैं बोल रहा था।
ठीक नही किया उसे एक बार देख लेना था। मिल लेना था अपनी माँ से
तो मेरी माँ फिर मुझसे थोड़ी बहस की ऐसा क्यों किया करके और उनका रीजन था वहीं 3 साल की उम्र में छोड़ देने के बाद होने वाली तकलीफ और ढेर सारी बातें फिर
और मैंने उन्हें रीजन दिया कि क्यों नही करना चाहिए था उन्हें क्यों अपनी माँ से एक बार मिल लेना चाहिए था करके तो मैंने अपना रीजन दिया
जिस माँ की वजह से वो लड़की वो इस दुनिया में आई है उस माँ को ही भुला देना क्या अच्छा है?
क्या हमारा अहंकार हमारे गुस्से हमारे जन्म से होते हैं या जन्म के बाद होने लगते हैं।
हमारे इंसान होने का मतलब तभी है जब हम किसी के दुख को समझे उस माँ ने भले ही एक बार नहीं कहा होगा मुझे अपनी बेटी से मिलना है।
लेकिन मन उनका भी किया होगा एक बार देख लूँ करके।
यार लाइफ में कुछ भी हो जाये उन लोगों को कभी मत भूलना जिनकी वजह से आपको जिंदगी मिली है।
अगर जिंदगी ही नही होती तो तुम किसी दूसरे से नफरत और प्यार कैसे करते।
मेरा सबसे बड़ा रीजन यही था जिंदगी सबसे बड़ी है उस घुस्से और प्यार से भी क्योकि जिंदगी है तब ये सब है जिंदगी नही तो कुछ नहीं।
जिस माँ की वजह से वह इस दुनिया में आई उसी माँ से इतनी नफरत अच्छा नही है यार मेरे हिसाब से...
आपको क्या लगता है? ऐसा होना था?
जैसा मैंने गीता में श्री कृष्ण के चरित्र को देखा है और जैसा मैंने महाभारत में देखा है कुंती और कर्ण का मातृत्व यार उस एंगल से मैं ये बोल रहा हूँ कि उसने गलत किया अपनी माँ के साथ।
04:25AM 07/05/2021
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