क्या सच में आत्मा अमर होती है?
पता नही यार ऐसा क्यों होता है, आज 01/05/2021 को हमारे गाँव में दुसरा ऐसा व्यक्ति ख़तम हो गया जो मुझसे अच्छा बात करता था।
ठीक है शरीर मरता है आत्मा नही यह बात गीता में कही गई है।
मैंने गीता पढ़ी है फिर भी न जाने क्यों ऐसा लगता है की आत्मा नाम की कोई चीज है भी या नहीं मुझे नही पता।
लेकिन जो बातें गीता में लिखी गयी है और कृष्ण द्वारा कहि गयी है उसमें क्या सच्चाई है क्या सब सही है ये बातें मुझे परेशान कर रही हैं।
मुझे पुरे अच्छे तरिके से जानना है की क्या वाकई में फिर से जन्म होता है?
पता नहीं मुझमें किसी भी बात को लेकर गहराई में जाने का मन क्यों करता है और मैं ऐसी हीं बातों से क्यों उलझता हूँ।
कोई न अब आज मैं माण्डूक्य उपनिषद सुनने वाला हूँ कहते हैं यह सबसे छोटा उपनिषद है जिसमें केवल बारह श्लोक हैं जिन्हें समझना है लोग कहते हैं कठिन है लेकिन मैं कहता हूँ।
कठिन और आसान नाम की कोई चीज नही है सब इल्यूजन्स हैं तो मुझे ये सोच के पढ़ना चाहिए या देखना चाहिए मुझे कुछ भी नहीं पता उसके बारे जो कुछ भी है उसी समय पढ़ते वक्त समझ में आना है पहले से ही सही गलत जज नही करना है।
पढ़ने के तुरंत बाद भी सही गलत नही देखना थोड़ा समय लेकर के प्रेक्टिकली समझना है क्या है और क्यों है तब जाके रिएलिटी पता चलेगा।
आज पढ़ते हैं माण्डूक्य उपनिषद। जो की अथर्ववेद से लिखा गया है जो चार वेद होते हैं ना उनमें से।
Okay buddy have a good day very good evening... 05:57 PM
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