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Showing posts from July, 2020

04 October 2024

Now 06:31AM  Good Morning Yar...  आज उठने में लेट हो गया बबा आलस्य के वजह से यार 6 बजे उठूंगा करके सोचा था। लेकिन लेट हो गया कल दन्तेवश्वरी मंदिर गए थे यार बहुत भीड़ था तो इधर उधर घूमें अंदर नहीं गए। अब कभी और जाएंगे बबा फिलहाल अभी जा रहा हूँ फ्रेश होने bye.

मेरे प्रभु Mere Prabhu by Khilawan

पता नही प्रभु ने आपकी ख्वाहिस कभी पूरी की है या नहीं, मैने जब उनसे जो मांगा वो मेरे प्रभु ने मुझे दिया। इसलिये आज उनका प्यार बांटता हूँ। Image from rexgin मेरे प्रभु Mere Prabhu by Khilawan इसी के बारे में थोड़ा सा लिख दूँ, मैने जो मांगा वो सारी ख्वाहिसें मेरे प्रभु ने क्यों पूरी की और आज क्यों मैं कह रहा हूँ कि भगवान ने मेरी सारी ख्वाहिशे पूरी की और क्यों आपको बता रहा हूँ। मुझे लगता है प्रभु ने मेरी सारी ख्वाहिशे पूरी इसलिए कि क्योकि कभी मैने अपनी औकात से ज्यादा उनको मांगा नही और जब भी औकात से ज्यादा मांगा तो उसने मुझे मेरी औकात दिखा दिया। इसलिये मैने यहां कहा है कि भगवान ने मेरी सारी ख्वाहिशे पूरी की है। और रही बात आपके साथ शेयर करने की तो आपको ये बताने के लिए शेयर किया है कि अगर भाग्य में विश्वास करके मेहनत करोगे तो भाग्य जरूर साथ देगा बस अपने आप को प्रभु को समर्पित कर दो।  भाग्य में भी यदि कोई चीज नही होगा तो भी आपको मिल सकता है क्योंकि आपने अपने आप को समर्पित कर दिया है। और उनको समर्पित किया है जिनके पास सबकुछ है।  ये संसार मेरा है यहाँ रहने वाले लोग मे

वो देख रहा है! Vo Dekh Rha Hai Poem by Khilawan

वो देख रहा है! Vo Dekh Rha Hai hindi Poem by Khilawan यह कविता भगावन की या कहें प्रभुकी उस महिमा को बताता है जिसमें हमें भगवान चाहते हैं वो हमारी मदद करें लेकिन वो मदद इसलिए नहीं कर रहें हैं की हम कमजोर न हों और उनके सहयोग न देने के पीछे क्या कारण है उसको लिखा है इन्शान की कमजोरी को बताया है, कविता पढ़ें और अपने विचार कमेंट बॉक्स में लिखें। वो देख रहा है! Vo Dekh Rha Hai Poem by Khilawan जीवन... भगवान ने जीवन दे तो दिया है, लेकिन कैसे जीना है आपको डिसाइड करना है। क्योकि उसने आपको मालिक बनाया है और वो खुद माली बन के देख रहा है।। किस पौधे को पानी की जरूरत है, वो देख रहा है। किस फूल को तोड़ना है और किस फूल को छोड़ना है वो देख रहा है। सब पर निगाहें हैं उसकी लेकिन वो देख के भी के इग्नोर कर रहा है।  क्योकि उसे पता है की अगर अभी साथ दे दिया तो  वो सहारे के बल पर गरजेगा फिर जब सहारा न रहा तो पानी को तरसेगा।  इसलिए वो इग्नोर कर रहा है, जो भरोसा है उसे तोड़ रहा है ताकि  बिना सहारे के तुम खड़ा होकर चल सको।  अपनी मंजिल को पा सको।  लेकिन हम इंसान समझ न प