Now 06:50AM
Good Morning Ji...
मैं तो ठीक हूँ यार बस आलसी होता जा रहा हूँ ये कहीं दुख का कारण न बन जाय।
पहले की तरह न काम करने का मन करता है।
न ही पढ़ने का!
ऐसा क्यों हो रहा है समझने की कोशिस करते हैं यार
सबसे पहला रीजन मुझे लग रहा है नेगेटिविटी जो आजकल न्यूज में यूट्यूब में दिखाया जा रहा है जॉब को लेकर की भर्ती आ ही नहीं सकती ऐसा लगता है देख के।
इसे देख के पढ़ने का मन नहीं करता और मुझे लगता है एक माहौल नहीं बन पा रहा है पढ़ने का।
कैसे बनाया जाए यार दोस्त लोग भी तो नहीं आ रहे जिन्हें देख के लगता है इनसे तो अच्छा पढ़ना ही है।
तो होस्टल में घूमने जाना है यार अब वहां के लोगों को देख कर लगे शायद मुझे भी पढ़ना चाहिए।
अब आते हैं काम की बात पर मैं अपने ब्लॉग में काम नहीं कर पा रहा हूँ कल थोड़ा सा किया मुझे कम से कम 1 घण्टे उसमें देने हैं कल मात्र 45 मिनट के बाद नींद आने लगी।
देखो पहले ब्लॉग को लेकर नींद नहीं आती थी अब ये हो रहा है।
ऐसा क्यों पता है उसमें बहुत सारे पोस्ट है उन पोस्ट को देखकर डर लग जा रहा है कैसे होगा मैनेज करके।
तो घबराना नहीं है आज अगर धीरे धीरे भी 5 या 10 पोस्ट हर दिन अपडेट करते आया रहता तो ब्लॉग डाउन नहीं जाता।
ओके तो समझना है।
कहाँ पर दिमाग आलस्य की ओर बढ़ने की कोशिस कर रहा है क्यों कर रहा है।
एक तो सही व बड़ा रीजन चाहिए आखिर कुछ कर रहा हूँ तो क्यों कर रहा हूँ।
लाइफ में इतना आलसी महसूस कभी नहीं किया जितना अब इन दिनों हो रहा है।
और वो भी एकदम बेफ़िक्री के साथ मतलब पूरा नर्क में जाने का प्लान बना रहा है दिमाग।
ठीक है रूटीन में ये दिक्कत है या सोच में, सोच पहले न, फिर रूटीन।
कुछ भी करने से पहले हम सोचते हैं फिर करते हैं तो सबसे पहले सोच अच्छा करना पड़ेगा फिर
कर्म को अच्छा से करना पड़ेगा अपना 100 प्रतिशत देना होगा।
और फिर लास्ट में अपने पास जो है जो लगा सकते पैसे वगेरा धन वगेरा लगा देना है।
इसी को कहते हैं तन मन धन से मेहनत करना।
यहां तो तन पहले आ गया मन बाद में आ रहा है तो ठीक है तन को ठीक करते हैं डेली रूटीन फॉलो करते हैं और फिर मन फिर धन पर काम करते हैं।
एक अच्छे शरीर में ही एक अच्छे मन का निवास होता है। ऐसा लोग कहते हैं। सही है यार।
युवा अकेडमी का सब्सक्रिप्शन तो खतम हो जाएगा भईया ऐसे डिमोटिवेशन के चक्कर में कैसे पढ़ोगे फिर।
हाँ यार ये भी है। रात दिन एक करके पढ़ने का सोचा था सब खतम यार आज पढूँगा यार जो हो।
भर्ती निकले या न निकले मुझे पढ़ना है बस।
और उसे असल जिंदगी में ट्यूशन में भी तो यूज कर सकता हूँ।
दो ही चीज है जो करना है एक पढाई और दूसरी ब्लॉग में अपडेट बस और तो कुछ है ही नही।
कहते हैं ज्यादा मेहनत करने से कुछ नहीं होगा जब तक सही दिशा में मेहनत न कि जाए।
इस बात को हमेशा याद रखना यदि देरी हो रही है सफल होने में तो कुछ गड़बड़ है।
ओके बाय सब ठीक है इतना भाषण कैसे लिख लेता हूँ।
अमेजन में लिख दूँ क्या अपनी स्टोरी देखते हैं इन फ्यूचर।
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