आज है 30 अक्टूबर और अभी रात के 1:52 हो रहें हैं अचानक नींद खुल गया है और मन में मैं सोच रहा हूँ कि आज यह मेरा यहाँ का आखरी दिन है जबकि ऐसा नहीं है।
मन में आ रहा है कि इन यादों को लिख कर रख लूँ।
न जाने क्यों उदासी सी मन में छाई हुई है शायद दंतेवाड़ा जाने के गम में नींद खुल गया और अच्छा नहीं लग रहा है घर को छोड़कर जाने में।
मुझे बहुत बुरा महसूस हो रहा है और ऊपर से अकेला जा रहा हूँ कोई साथ में नहीं है।
क्या होगा क्या करूँगा मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा लेकिन मन में विश्वास है काम हो जाएगा।
Miss You Too Yarr...
Love You 3000 ok अब सो जाता हूँ बाय।
Now 10:18AM
Going to raipur...
Now 06:51PM
तो आज का दिन बहुत ही खराब रहा मेरे घर के लोगों के लिए और मेरे लिए क्योंकि आज सबसे ज्यादा खर्च हो गया है।
और अभी मैं रायपुर के बस स्टैंड पर बैठा हुआ हूँ मेरे सर में और पैर में थोड़ा दर्द महसूस हो रहा है मैं बहुत ही थकान महसूस कर रहा हूँ।
मुझे पक्का लग रहा है आज नींद जोर से आएगी और मैं सफर का मजा नहीं ले पाऊँगा।
दंतेश्वरी माता का मंदिर दंतेवाड़ा मैं आ रहा हूँ आपके दर्शन करने जय माँ दंतेश्वरी।
मैं आज बहुत ज्यादा अपसेट हो गया था क्योंकि मेरे मार्कशीट में करेक्शन नहीं हो पा रहा था।
और ऊपर से मैने उस पर लेमिनेशन कर दिया था फिर जैसे तैसे घुस दे करके मार्कशीट में करेक्शन किया और माइग्रेशन सर्टिफिकेट लिया अब कल मैं एडमिशन लूंगा डीएलएड के लिए।
वैसे तो मैं घुस के खिलाफ हूँ लेकिन मुझे देना ही पड़ा अब क्या कर सकता हूँ। मजबूर था।
सॉर्ट अटेंडेंट के लिए भी बात करूंगा यदि सम्भव हुआ तो, अच्छा है, नहीं हुआ तो और भी अच्छा है।
कभी मेरी वाली भी चाहती थी मैं टीचर बनू लेकिन कैसे भी हो बनू मैं चाहता था बड़ा टीचर बनना वो चाहती थी टीचर बने बस।
आज की कहानी यही तक और मन करेगा लिखने को तो और लिखूँगा।
अभी बाय बेबी। 😊
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