परी जैसी तेरी आँखे, देख के हाय मैं शर्मा जाऊं,
लिखूं और क्या यादों के सिवा, बस तुझे मैं यहीं दे पाऊं।
चाहतें हर किसी की पूरी नहीं होती वैसे ही जैसे मेरी न हुई,
दिल दरिया और समंदर सब एक साथ बह गए उस आँसू में जिसके लिए हम तरस गए।
मोहब्बत को भूल पाना इतना भी आसान नहीं आज भी हो तुम मेरी जान तेरे सिवा कोई जान नही।
सब काल्पनिक बातें हैं लेकिन कहीं न कहीं यादें जो होती हैं वो हमेशा जिंदा रहती हैं कुछ भूल जाते हैं लेकिन हमें लगता है यादे हैं तभी तो जीने का मजा है।
मुझे लगा था मैं प्यार को इस कदर भुला दूँगा की कभी याद ही न आये पर ऐसा नहीं है।
शायद उसे हंसी आये इस बात पर की मैं प्यार करता था और ये लाजमी है। क्योंकि मेरा प्यार करने का तरीका अलग था।
इसमें मैंने पहले उससे कभी भी ये नहीं कहा कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ।
बल्कि उन्हें मेरी बातों से और बातें करने के तरीकों से पता चला या शक हुआ क्या हुआ मुझे नहीं पता और उन्होंने ही पहले कहा था क्या तुम मुझसे प्यार करते हो।
ये बात मैं क्यों लिख रहा हूँ मुझे लिखना नहीं चाहिए।
मैं गलत कर रहा हूँ खुद के साथ। यह पता होते हुए भी गलत ही कर रहा हूँ।
हाय जिंदगी किसी की नजर न लगे।
Good Morning Mor Dost...
और सब ठीक ????????
पता हे ये सब ल जब अभी लिखत हों त मोर मन में का आत हे मोर पोता पोती मन मोर ब्लॉग ल पढ़ही त हँसी आहि वहु मन ल लगही की दादा भी कभी किसी से प्यार करते थे।
🤣🤣🤣🤣
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