Good Morning...
Now 05:53AM
हमर धान के फसल ,,, 🤗🤗🤗
Extra या बोलो Advance में कोई दवाई नई डाले गे हे तना छेदक बर या फंगस बर।
भईया बोल के गे हे अउ फोन भी करे रहिस दवाई डाल दुहू देख के करके...
लेकिन घर में बोले ले कोई बीमारी निये नई डालन कथे।
त हमु कथन कोई बीमारी निये नई डालन जबरन पैसा कोन खर्च करे...
पर बताओं दवाई डालबे न त बाल मस्त वजनदार आथे।
मतलब दवाई डाले में कोई घाटा नई रहे।
सब बात के एक बात बोलों मोरो मन रिहिस दवाई डाले के लेकिन घर में माँ , पापा नाम के दो प्राणी अउ हे प्रभु जेकर बात मानना जरूरी हे।
नही तो नराज 😔 हो जाहि अउ उकर नराज होए ले सिम्पल से बात हे हमर दुनिया मे भी उदासी छा जाहि।
तेकर सेती चलो सब ठीक हे कथन आगे बढ़ जाथन। 😊
थोड़ा से बचे हे निकले बर |
अउ सब ठीक ग... चल बाय टाटा अभी बर बाद में लिखहूँ अब गाँव पहुँच गेव मतलब बस्ती में।
🖐️
Now 09:48AM
एक सवाल मुझे परेशान नहीं कर रही लेकिन बार बार मन में आ रहा है की क्या वाकई में यह मेरा आखरी अटेम्प्ट होगा यूजीसी नेट पेपर में।
तो सिंपल सा फंडा है विजन क्लियर है अगर अब बचे हुए दिनों में भी ठीक से तैयारी नहीं कर पाया तो इसकी कोई गारंटी नहीं है की आने वाले समय में मैं और अच्छे से पढ़ाई कर सकूँ।
मतलब असफलता निश्चित है आज मेरे पास कोई डिस्ट्रैक्शन नहीं है न ही प्यार है न ही मोहब्बत है किसी से भी और अगर आज भी मैं सफल नहीं हो पाया तो भाई यार मेरे जैसे को भगवान भी सफलता नहीं दिला सकता।
हाँ तो यह मेरा आखरी अटेम्प्ट है यूजीसी नेट हिंदी साहित्य के लिए अगर इसमें सफल नही हुआ तो समझूँगा शायद इससे भी बड़ा कुछ कराना चाहता है मेरा प्रभु मुझसे और बिना पछताए आगे बढ़ जाऊँगा।
ये तक नहीं सोचना शायद एक बार और तैयारी करके देख लेता हूँ या तो इतिहास में दफ़्न हो जाएगी मेरी सारी ख्वाहिशें या इतिहास बना जायेंगी मेरी ख्वाहिशें।
ख़्वाब जो देखा था मैंने उसे पूरा करना है।
जैसा की है ये आखरी दांव वैसे लड़ना है।
ओके बाय अब ज्यादा बात नई करन भईया पढ़बो टाटा।
Comments
Post a Comment
Thanks for being part of the Khilawan community. You can read our policy on moderating comments and learn more about our new updates keep subscribe...