आँखि मूंदे रहिबे में आत हों।
चाय तो बनाए जानों नहीं।
लेकिन तोर चेहरा में मुस्कान लाये बर।
एक ठन गाना गा के तोला उठात हों।
सुन के लजाबे मत काबा की में।
सुत बिहिनिया ले अस ददरिया।
गात हों अउ तोला उठात हों।
घर के मन जमो झन सोवत हे।
अउ मोर मयारू कोन जानी?
का करहि अभी ले त।
सो के उठत हे अउ कहत हे।
माँ चाय लाना वो।
आज फेर भुला गे हे।
मायके ल छोड़ के ससुराल म आ गे हे।
पर महुँ कम नई हों।
तोर खुशी बर चाय बनाये हों।
माँ ल तो तोर तीर नई ला पाओं।
लेकिन माँ वाला दुलार लाये हों।
सुन अबड़ सुरता आथे न माँ के?
ले न हांस देना एक कन।
अपन दांत ल देखा के।
बड़ निचट कंजूस हस यार।
हांसे बर घलो कंजूसी दिखात हस।
ले कहीं नई होय।
मोर बर तैं
बिहिनिया ले उठ के मुस्कात हस...
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Third party image smiley babu |
पहागे ग
सुघ्घर बिहिनिया अउ सब बने बने?
Very nice
ReplyDeleteThank-you very much...
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