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Showing posts from December, 2020

04 October 2024

Now 06:31AM  Good Morning Yar...  आज उठने में लेट हो गया बबा आलस्य के वजह से यार 6 बजे उठूंगा करके सोचा था। लेकिन लेट हो गया कल दन्तेवश्वरी मंदिर गए थे यार बहुत भीड़ था तो इधर उधर घूमें अंदर नहीं गए। अब कभी और जाएंगे बबा फिलहाल अभी जा रहा हूँ फ्रेश होने bye.

समझ न सकी तुम भी मुझे कभी

पता नही वो मजाक था या क्या था पर मेरी जिंदगी में वो दिन कभी और नही आएगा जो गलती मैने ना बोलकर करी वो अब कभी भी नही हो पायेगा। बस खुश रहा कर, पागल तुमसे दूर है। और मजबूर है, फट्टू नही।

मैं तुमसे अलग नही तुमसे हमेशा जुड़ा हुआ हूँ।

 तो यार बहुत दर्द हो रहा है न जाने तुमसे बिछड़ के पर अच्छा ही हुआ। जुड़ा हुआ होता तो आपको और दुख होता क्योंकि मैं बदल नही सकता। मैं तुमसे अलग नही, तुमसे जुड़ा हुआ हूँ। मैं तुमसे नाराज नहीं ना ही मैं दफा हुआ हूँ। मेरी सारी ख्वाहिशों की जान आप आज भी हो। बस थोड़ा सा दूर हूँ, ताकि आपको दुख न हो। मेरी बातों से और सिर्फ बातें ही हैं। मैं क्या करूँ मैं बदल नही सकता। मैं प्यार करता हूँ, तुमसे मैं बदल नही सकता। ऊपर से, जो तुम बोलो मैं कर जाऊंगा। दोस्त बोलो दोस्त बन जाऊंगा। पर शायद आप, आज भी आप मुझे वो समझती हैं। शायद यही तक था, मेरा तुमसे जुड़ा होना। अब मिलना भी तो ना होगा कभी शायद। न ही मैं हूँ न तुम हो अब सिर्फ बातें हैं। और मेरे साथ ढेर सारी आपकी यादें है। जो भी हो जैसा भी हो खुश रहना क्योकि मैं कभी उदास नही रहती और मैं को कभी भी किसी से कोई फर्क नही पड़ता। सारी बातें सिर्फ काल्पनिक है रियल में कुछ भी नही है। है तो सिर्फ बातें हैं। जो आपके सामने है। Time 03:25am

तूँ मेरे लिए क्या है? मैं जिक्र नही कर सकता

तूं मेरे लिए क्या है क्या बताऊँ तुझे। तूं मेरे लिए क्या है क्या बताऊँ तुझे। तुम न तो मेरा वो ख्वाब हो जो कभी पूरा होती हो। और न वो सपना हो जो कभी टूटती हो  जो हो जैसी हो वैसी ही रहना  क्योकि मुझे तकलीफ इस बात की नही की मैं तुम्हें खो दूँगा तकलीफ इस बात की है कि मैं तुम्हें हमेशा के लिए खो दूँगा। जो सारी दुनिया नही जानती मैं जानता हूँ कि दुनिया किसे मोहब्बत कहती है मैं जानता हूँ लोग किसे मोहब्बत कहते हैं। सारी बुराइयों को मैं भुला बैठा हूँ क्या सिखाएं जनाब जला बैठा हूँ खुद की दुनिया क्या जलाएं जनाब किसी की तकलीफ का इतना भी मजाक न उड़ाया करो कि लोग तुम्हें सबासी देने के बजाय तुम्हें कोशने लगे साम तो हर रोज होती है पर  हर रोज तुझसे बाते नही होती हैं क्या करूँ मैं हूँ अपने में नाकाम कुछ कर भी तो नही सकता। जो होगा देखा जाएगा अब कर भी तो कुछ नही सकता। शायद पता है तुझे भी लेकिन जान कर भी अनजान है। सपने समझ के भूल जाती हो ऐसा लगता है पर मेरे लिए भी ये न तूफान से कम है। खुश तो बहुत होगी लेकिन तूं भी रोयेगी और मैं कहूंगा वैसे ही जैसे आज तूँ मुझसे कहती है खोया हूँ पाकर तुझे अब न किसी को खोना मुझे