Now 10:47AM Good Morning Nana...😊 Aaj hm dekhne wale hai movie hi nana 👍
हर कोई सही है अपने अपने जगह पर और अपने अपने नजरिये से पर मुझे ऐसा क्यों लगता है कि मैं ही सही हूँ?
वो गलत है। क्या सच में ऐसा है इसको समझने की कोशिश करता हूँ।
ऐसा नहीं है कि वह गलत हो आप अपने आप से तुलना करके देखें कि क्या आप हर जगह पर सही हैं। नही न तो वो कैसे आपके लिए हर जगह सही रहेगी या रहेगा।
सब बातें समझने का है अगर आपने समझ लिया तो फिर खेल में बाजी मार ली और अगर नही समझा तो तुम बुरी तरह हार जावोगे।
हर किसी के सोचने का तरीका अलग होता है और हर कोई मेरे तरह नहीं सोचता है। जैसे मैं अपने बारे में ज्यादा सोचता हूँ लेकिन उससे दोस्ती होने के बाद न जाने क्यों उसके बारे में सोचता हूँ।
और अब मेरे को लगता है कि वो मेरे बारे में सोचती या सोचता ही नही है। क्योंकि उसे कोई और मिल गया है। ये मन मे ख्याल आते हैं।
क्या ये सही है? नही ये सही नही है जब तक मैं जान न लूँ क्या कारण है। मानलो मिल भी गया हो या गई हो उसे तब क्या?
अगर मुझे पता चलता है कि उसके लाइफ में कोई है और मुझे एहसास होता है कि मैं उन दोनों के बीच रुकावट बन रहा हूँ तो उनसे बाते करना बंद कर दूँगा।
अब बात आती है कि क्या मुझे सच मे पता है कि उसके लाइफ में कोई है नहीं न तो फिर इसको पता करना पड़ेगा। अब इसके बाद देखना है क्या करना है।
मुझे नही पता क्या सही है और क्या गलत लेकिन यदी मेरे सपने पूरे हुए तो हकीकत कुछ और होगा।
तो मैं बात कर रहा था नजरिये की तो उनके देखने का नजरिया अलग है और मेरे देखने का अलग तो वह भी सही है और मैं भी सही हूँ कोई गलत नही है।
मेरी शिकायतें उससे बहुत हैं क्योंकि मैं उनसे जो पूछता हूँ वो बेसिक सी बातें हैं और वो कभी बताते नही की क्या कारण है जिससे वे हम से बातें नही कर पाते हैं।
कुछ भी हो वो दोस्त है।
पर सच्चा हूँ क्या मैं अपने आप में अपने नजर में हाँ तो फिर डर किस बात का जो होता है अच्छे के लिए होता है जो होगा अच्छे के लिए होगा।
शुभ रात्रि।
Publish time 10:02
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