Now 06:09AM Good Morning Yr...🧡 Miss you maa. Now 08:01AM यार जिसे मिस करो उससे आजकल बात नहीं होती 😊 अभी थोड़ी देर पहले माँ से बात करने के लिए कॉल किया था बात भी नहीं हुई यार। कोई न साम को बात करूँगा यार 😊 Love You Maa...🥰 अभी पढाई करते हैं यार bye न Now 11:59AM Do what you want?
एक दिन बातों बातों में लड़की उस लड़के से पूछती है क्या तुम मुझसे ऐसे ही बातें जब मैं सामने आऊंगी आपके तो करोगे तो लड़का कहता है आपकी तो एक स्माइल ही काफी है!
बात उन दिनों की है जब एक लड़का और लड़की साथ में पढ़ रहे हैं, उन्हें पता तो सब कुछ है लेकिन जान कर भी अनजान बने हुए हैं। बातें कुछ ऐसे करते हैं जैसे वो एक दोस्त न होकर दो प्यार करने वाले हों।
तो आपके खिदमत में आपके सामने मेरी लेख प्रस्तुत है जिसे मैंने कविता समझ के लिखा है और आप न जाने क्या समझें। उन दोनों के बीच जो बात हुई थी उसको मैंने लड़के के द्वारा आपके समक्ष रखने की कोशिश की है।
एक स्माइल ही काफी है!
Ek Smile Hi Kafi Hai Poem By Khilawan
उन दिनों बातें होती थीं मोबाइल में ढेर सारी..
उन दिनों बातें होती थीं मोबाइल में ढेर सारी।
क्योंकि लड़का थोड़ा सरमिला था.
सामने बात करने में थोड़ा ढीला था।
पहले बात भी न होती थी।
लेकिन लगता है वो मुझे याद करके सोती थी..
शुरुवात वो करती लेकिन ख़तम करना चाहता मैं था।
बस न जाने क्यों डर था!
मेरे दिल में कहीं, ज्यादा हुआ तो नहीं था।
पर डर था।
हकीकत क्या है अब भी समझ में नहीं था।
वो यूहीं बात करती रहे, ऐसा मन करता था।
बातें होती रहीं हम दोनों में
बातें होती रहीं हम दोनों में।
बात न ज्यादा मैं करता न वो करती।
फिर भी बात आगे बड़ती।
पर आगे जाने से पहले वह पीछे की बातों का जिक्र न करती।
पर मैं करता था।
हर रोज क्या बात करूं ये मैं सोचता था।
हर दिन एक बात को ही दोहराता था।
तब जा के दिन की बातों कि शुरुआत होती थी।
रोज पूछता था क्या करती थी आज
वो कहती खाली बैठी थी आज।
मैंने कहा पर फिर क्यों नहीं करी आपने मुझसे बात।
वो कहती आप रहते हो व्यस्त दिन रात।
इसीलिए नहीं करती आपसे बात।
बस इन्हीं बातों में गुजर जाते थे वो लम्हें..
बात होती तो थी रोज, पर लगता था अधूरी बात।
समझ न पाए वो और समझ न पाया मै
समझ न पाई वो और समझ न पाया मैं
पर लड़की कहती थी है रोज कैसे करते हो मोबाइल पर बात।
सामने आऊंगी तो करोगे क्या मुझसे ऐसे ही बात।
लड़का कहता मोबाइल में तो कर लेता हूं बात..
आमने सामने जब आएं तो पता नहीं कैसे होगी बात..
पर अपने आप पर यकीन तो है
मुझे की कर ही लूंगा मैं उससे बात।
बात यहीं पर ख़तम न होती है।
वो कहती है शायद करोगे आप बात।
मै कहता हूं उससे मै आपसे करूंगा बात।
मानो तुम भी मेरी बात।
वो कहती हां मैं चाहती हूं आप सबसे करना बात।
मैं कहता हां करूंगा मैं सबसे बात।
वो फिर कहती क्या मुझसे नहीं करोगे बात?
मैं कहता आपकी तो एक स्माइल ही काफी है!
बात तो अभी बाकी है।
आपकी तो एक स्माइल ही काफी है।
वो हस देती मेरे इस बात पर
आ जाती मेरे चेहरे पर भी स्माइल
क्या बात निकली थी इस मन से आपसे बात करना जरूरी।
नहीं आपकी एक स्माइल ही काफी है।
आपको यदि कविता अच्छी लगी तो कमेंट में बताएं और अच्छी न लगी तो आप भी बताएं।
धन्यवाद!
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